महागंठबंधन की जातीय गोलबंदी ने दिलायी जीत

महागंठबंधन की जातीय गोलबंदी ने दिलायी जीत एक्सपर्ट व्यू- सत्य प्रकाश तिवारीफोटो-2- सत्यप्रकाश तिवारीसंवाददाता, भोरेभोरे विधानसभा क्षेत्र से महागंठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी अनिल कुमार की जीत के पीछे कई कारण हैं. सबसे प्रमुख कारण तीन बड़े दलों का साथ आना. इन दलों के मुखिया के पास जातीय गोलबंदी करने की क्षमता, विकास पुरुष का चेहरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 7:00 PM

महागंठबंधन की जातीय गोलबंदी ने दिलायी जीत एक्सपर्ट व्यू- सत्य प्रकाश तिवारीफोटो-2- सत्यप्रकाश तिवारीसंवाददाता, भोरेभोरे विधानसभा क्षेत्र से महागंठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी अनिल कुमार की जीत के पीछे कई कारण हैं. सबसे प्रमुख कारण तीन बड़े दलों का साथ आना. इन दलों के मुखिया के पास जातीय गोलबंदी करने की क्षमता, विकास पुरुष का चेहरा और सुशासन का सबूत जीत के पीछे का फैक्टर रहा है. यह मानना है भोरे के राजनीतिक समीक्षक सत्यप्रकाश तिवारी का. वे मानते हैं कि यहां एक बात और ध्यान देनेवाली है कि इनकी छवि बेदाग रही है. स्वच्छ, ईमानदार एवं शिक्षित व्यक्तित्व के कारण अगड़ी जातियों का झुकाव भी उनके पक्ष में हुआ. इसके अलावा दलितों, यादवों एवं मुसलमानों के वोट का ध्रुवीकरण उन्हें जीत दिलाने में काफी कारगर साबित हुआ. कांग्रेस ने 1985 के बाद यहां अस्तित्व बचाने का काम किया है. आनेवाले दिनों में यहां कांग्रेस का एक बेहतर संगठन अनिल कुमार के नेतृत्व में खड़ा होने की उम्मीद है. यह माना जा रहा है कि उनके विपक्ष में लड़ रही भाजपा के वोट बैंक में भी इन्होंने सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की. इसके अलावा भाजपा के विधायक इंद्रदेव मांझी से लोगों की नाराजगी भी उनके लिए काम कर गयी.

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