भीतरघात ने कराया हार का सामना

भीतरघात ने कराया हार का सामना आरक्षण विरोधी बयान ने समीकरण को बदलाभीतरघात से शुरू से ही जूझने लगे थे लोजपा प्रत्याशीचुनाव प्रबंधन में गड़बड़ी के कारण हारे काली पांडेयफोटो-2, वरुण कुमार मिश्र वरिष्ठ पत्रकार- सामनेसंवाददाता, कुचायकोटविधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि कुचायकोट की राजनीति अब बदल चुकी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2015 6:32 PM

भीतरघात ने कराया हार का सामना आरक्षण विरोधी बयान ने समीकरण को बदलाभीतरघात से शुरू से ही जूझने लगे थे लोजपा प्रत्याशीचुनाव प्रबंधन में गड़बड़ी के कारण हारे काली पांडेयफोटो-2, वरुण कुमार मिश्र वरिष्ठ पत्रकार- सामनेसंवाददाता, कुचायकोटविधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि कुचायकोट की राजनीति अब बदल चुकी है. यहां पूर्व सांसद काली प्रसाद पांडेय के 20 वर्षों से क्षेत्रीय राजनीति से अलग रहने के कारण आज उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. उनकी हार के पीछे भीतरघात भी कम नहीं हुआ. अपनों ने भी भीतरघाट किया. हालांकि कुचायकोट की जनता ने काली पांडेय को वोट किया न की लोजपा को. लोजपा का संगठन कुचायकोट में नहीं है. कहीं भी लोजपा का कार्यकर्ता नहीं है. चुनाव भाजपा के कार्यकर्ता के भरोसा नहीं है. चुनावी प्रबंधन भी ठीक ढंग से नहीं किया गया था. कार्यकर्ताओं के बीच आपस में समन्वय की कमी शुरू से ही बनी रही. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कैंप करने के बाद भी कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस नहीं बन सका. सामाजिक स्तर पर इस चुनाव में ध्रुवीकरण नहीं होना भी घातक साबित हुआ. अगर काली प्रसाद पांडेय सांसद के चुनाव हारने के बाद क्षेत्र में बने रहते, तो इन तमाम विरोधी परिस्थितियों के बाद उन्हें हराना काफी मुश्किल था.

Next Article

Exit mobile version