ग्राहकों को भा रहीं कोलकाता की मूर्तियां
ग्राहकों को भा रहीं कोलकाता की मूर्तियां फोटो-16गोपालगंज. दीपावली के दिन पूजा-पाठ के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदने की लोगों में होड़ है. बाजार में तरह-तरह की मूर्तियां हैं. हर किसी को कोलकाता की मूर्तियां भा रही हैं. चमकदार, गोटेदार, रत्न जड़ित इन मूर्तियों की कीमत सौ से ढाई हजार रुपये तक है. स्थानीय कुम्हारों […]
ग्राहकों को भा रहीं कोलकाता की मूर्तियां फोटो-16गोपालगंज. दीपावली के दिन पूजा-पाठ के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदने की लोगों में होड़ है. बाजार में तरह-तरह की मूर्तियां हैं. हर किसी को कोलकाता की मूर्तियां भा रही हैं. चमकदार, गोटेदार, रत्न जड़ित इन मूर्तियों की कीमत सौ से ढाई हजार रुपये तक है. स्थानीय कुम्हारों द्वारा तैयार टेराकोटा, परंपरागत तीली वाली मूर्तियां लखनऊ में बनी मिट्टी वाली मूर्तियों के अलावा सोना, चांनी एवं पीतल की मूर्तियां भी बाजार में उलब्ध हैं. महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसी करीब दो सौ से अधिक दुकानें सजी हैं. मंगलवार की सुबह 10 बजते-बजते बड़ी बाजार, मौनिया चौक, घोष मोड़, डाक चौराहा, जंगलिया मोड़ आदि स्थानों पर मूर्तियों के बाजार सज गये थे. दिन चढ़ने के साथ दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी थी. कोलकाता के अलावा ग्राहकों ने जिन मूर्तियों को सबसे ज्यादा पसंद किया, उनमें टेराकोट व लखनऊ की डिजाइनर मूर्तियां शामिल हैं. छात्रधारी छोटी मूर्तियां 30-450 रुपये तक, टेराकोट की 35-600 रुपये तक सिंहासन वाली बड़ी मूर्ति पांच सौ से ढाई हजार रुपये तक की कीमत में उपलब्ध है.दाहिने सूंड़ वाले गणेशजी देवी लक्ष्मी के पास किसी चीज की कमी नहीं है, लेकिन व्यक्ति देवी की अाराधना से मिले धन-दौलत का सही इस्तेमाल करें. इसके लिए उसे बुद्धि चाहिए. भगवान गणेश बुद्धि के देवता हैं. दोनों की पूजा होती है. इसमें गणेश की कूर्ति की पूजा पहले होती है. मान्यता है कि गणेश की मूर्ति का सूंड़ सीधे हाथ की तरफ होना चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है. इसी वजह से दाहिने सूंड़ वाले गणेश की मांग ज्यादा रही.