सब्जी की खेती से लिख रहे कामयाबी की नयी इबारत

सब्जी की खेती से लिख रहे कामयाबी की नयी इबारत सिंगहा का युवक बना प्रेरणा स्रोतविदेश की नौकरी छोड़ गांव को बनाया कार्य क्षेत्र फोटो न. 8 हथुआ. कोई काम छोटा नहीं होता. सच्ची लगन व मेहनत से किया गया वह हर काम महान होता है, जिससे आपकी रोजी-रोटी चले व समाज में आपको एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2015 6:18 PM

सब्जी की खेती से लिख रहे कामयाबी की नयी इबारत सिंगहा का युवक बना प्रेरणा स्रोतविदेश की नौकरी छोड़ गांव को बनाया कार्य क्षेत्र फोटो न. 8 हथुआ. कोई काम छोटा नहीं होता. सच्ची लगन व मेहनत से किया गया वह हर काम महान होता है, जिससे आपकी रोजी-रोटी चले व समाज में आपको एक अलग मुकाम मिले. सिंगहा गांव निवासी राजनारायण मिश्र के बड़े पुत्र सुबोध मिश्रा ने गांव में अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए विदेश की नौकरी छोड़ी. फिर मुंबई में भी एक अच्छी खासी नौकरी छोड़ कर गांव आ गये और गांव के ही होकर रह गये. शुरू में एक-दो कट्ठे से शुरू की गयी सब्जी की खेती अब दो एकड़ तक पहुंच चुकी है. कई मुश्किलों व झंझावतों को झेलने के बाद सुबोध अब एक बड़े सब्जी की खेती करनेवाले किसान हो चुके हैं. सभी मौसमी सब्जियां उनके खेतों की शोभा बढ़ा रही हैं. सब्जी बेच कर सुबोध अच्छी कमाई कर रहे हैं, साथ ही समाज में एक अच्छा मुकाम भी हासिल कर चुके हैं. सब्जी की खेती से उन्होंने ट्रैक्टर व कृषि यंत्र भी खरीद लिये हैं. उन्होंने कई लोगों को रोजगार भी दिया है. अब वह अपने इस कार्य को और विस्तृत रूप देने की इच्छा रखते हैं. वे कहते हैं कि अपने पेशे से वे काफी संतुष्ट हैं. गांव में रह कर अपने माता-पिता की सेवा करना, अपने लोगों के बीच रह कर रोजगार करने में एक अलग सुख है. बहरहाल, आज के दौर में खेती से विमुख हो रहे लोगों के लिए सुबोध एक उदाहरण है. एक तरफ आज के युवाओं के बीच घर से बाहर दूर जा कर कमाने की ललक है, तो दूसरी तरफ सुबोध जैसे युवा भी हैं, जिन्होंने अपने बूढ़े पिता की सेवा के लिए गांव आकर सफलता के नये आयाम गढ़ रहे हैं.

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