मनरेगा कार्य के एक साल बाद भी नहीं मिली मजदूरी
मनरेगा कार्य के एक साल बाद भी नहीं मिली मजदूरीफोटो नं- 12बैकुंठपुर. प्रखंड क्षेत्र मे मनरेगा के तहत रोजगार को मजदूरों ने बेकार बताया. मनरेगा के तहत रोजगार की गारंटी के बाद सोचा था अपने ही गांव-घर में सम्मानजनक रोजगार मिल रहा है, मगर गांव के मुखिया, मनरेगाकर्मी व डाकपाल की मिलीभगत से सपना टूटते-बिखरते […]
मनरेगा कार्य के एक साल बाद भी नहीं मिली मजदूरीफोटो नं- 12बैकुंठपुर. प्रखंड क्षेत्र मे मनरेगा के तहत रोजगार को मजदूरों ने बेकार बताया. मनरेगा के तहत रोजगार की गारंटी के बाद सोचा था अपने ही गांव-घर में सम्मानजनक रोजगार मिल रहा है, मगर गांव के मुखिया, मनरेगाकर्मी व डाकपाल की मिलीभगत से सपना टूटते-बिखरते आजतक चला आया. हकाम गांव के मजदूरों ने जो तसवीर बयां की इससे टेंडरवर्क में भ्रष्टाचार के पीछे संबंधित लोगों की संलिप्तता की बू आने लगी. मजदूरों ने पौधारोपण कार्य किया है, मगर मजदूरी एक साल बाद भी नहीं मिली है. मजदूरों ने बीडीओ नीभा कुमारी के समक्षा दुखड़ा सुनाया. बताया कि काम करने के बाद भी मजदूरी नहीं मिली. एक साल से घुमाया जा रहा है. मजदूर निमाजन खातून, जुलैसा खातून, बिराजू देवी, मीरा देवी, जुबैदा खातून, जुलेखा खातून व हसीना खातून ने बीडीओ से गुहार लगायी है. बीडीओ ने कहा है कि मुखिया, पीआरएस व पीओ की उपस्थिति में जॉब कार्ड व भुगतान की विधिवत जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.