आरक्षण मामले को लेकर विस मे आरोप-प्रत्यारोप

आरक्षण मामले को लेकर विस मे आरोप-प्रत्यारोप राज्यपाल के अभिभाषण पर शुरू हुई चर्चासंवाददाता,पटनाविधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सदस्यों द्वारा दिये गये धन्यवाद प्रस्ताव पर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच आरक्षण मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के वाण चलाये गये. सत्ता पक्ष की ओर से आरोप लगाया गया कि चुनाव के समय में एनडीए की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2015 8:33 PM

आरक्षण मामले को लेकर विस मे आरोप-प्रत्यारोप राज्यपाल के अभिभाषण पर शुरू हुई चर्चासंवाददाता,पटनाविधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सदस्यों द्वारा दिये गये धन्यवाद प्रस्ताव पर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच आरक्षण मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के वाण चलाये गये. सत्ता पक्ष की ओर से आरोप लगाया गया कि चुनाव के समय में एनडीए की ओर से आरक्षण समाप्त करने की पहल की गयी थी. महागंठबंधन के नेताओं इस साजिश को पहचान लिया. इधर विपक्ष की ओर आरोप लगाया गया कि महागंठबंधन के नेताओं ने चुनाव में जनता को गुमराह किया. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा मंगलवार को भी होगी. इधर सदन ने पूर्व सांसद व मंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह के निधन पर एक मिनट का मौन रखने के बाद कार्रवाई स्थगित कर दी गयी.भोजनावकाश के बाद राज्यापाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की सूचना रामसेवक सिंह ने दी, जबकि भाई वीरेंद्र ने इसका अनुमोदन किया. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन को अवगत कराया कि विपक्ष के नेता डा प्रेम कुमार द्वारा संशोधन प्राप्त हुआ है, जिसे नियमाकुल पाये जाने के बाद पढ़ा हुआ मान लिया गया. विपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव के पहले दर्जनों पिछड़ी जातियों को अति पिछड़ी जातियों में शामिल करने की घोषणा कर दी है. अतिपिछड़ी जातियों की हकमारी हो रही है. सरकार अति पिछड़ी जातियों का कोटा बढ़ाये नहीं तो विपक्ष मौन धारण कर नहीं बैठेगा. इधर हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि अनुसूचित जातियों को जनसंख्या के आधार पर 16 प्रतिशत आरक्षण देने की बात की जा रही है. यह व्यवस्था 1952 से लागू है. वर्तमान समय में एससी की आबादी 25 फीसदी हो गयी है. आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए. सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत ही एससी को नौकरी मिली है, इसकी संख्या बढ़कर अभी भी आठ-नौ फीसदी से अधिक नहीं हुआ है. सरकार इसकी जांच के लिए आयोग या कमेटी बना दे. केरल व तमिलनाडु ने आरक्षण का बैरियर तोड़कर 69 प्रतिशत कर दिया है. बिहार सरकार भी ऐसा करे. इधर सत्ता पक्ष के रामानुज प्रसाद सिंह ने जीतन राम मांझी जिस टोली में चले गये हैं वह बीपी सिंह के बारे में भी नारा लगाती थी कि राजा नहीं फकीर है, भारत की तकदीर है. और जब वीपी सिंह ने मंडल कमीशन लागू किया तो कमंडल लेकर निकल गये. चुनाव में भाजपा भ्रम फैलीकर सत्ता प्राप्त करना चाहती थी. सत्ता पक्ष के शक्ति सिंह यादव ने कहा कि संघ प्रमुख ने चुनाव के समय आरक्षण समाप्त करने की बात कही थी जिसे लालू प्रसाद ने पकड़ लिया. अगर भाजपा की मंशा साफ है तो सामाजिक आर्थिक व जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट का जारी करे. उस आधार पर बजट बनावे और भाजपा न्यायपालिका में आरक्षण के सवाल पर अपनी स्थिति साफ करे. राज्यपाल के अभिभाषण पर सत्तापक्ष व विपक्ष के 16 सदस्यों ने भाग लिया.

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