पटना हाइकोर्ट का नर्दिेश

पटना हाइकोर्ट का निर्देशट्रेन को समय से चलाइए या बंद कर दीजिएपिक आवर पर गुमटी बंद होने से 19 मिनट जाम में फंसे रहे जस्टिस डा रवि रंजन विधि संवाददाता, पटनापटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे को पटना जंकशन से दीघा घाट तक चलनेवाली सवारी गाड़ी के कारण लोगों के जाम में फंसने पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2015 7:06 PM

पटना हाइकोर्ट का निर्देशट्रेन को समय से चलाइए या बंद कर दीजिएपिक आवर पर गुमटी बंद होने से 19 मिनट जाम में फंसे रहे जस्टिस डा रवि रंजन विधि संवाददाता, पटनापटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे को पटना जंकशन से दीघा घाट तक चलनेवाली सवारी गाड़ी के कारण लोगों के जाम में फंसने पर कड़ी फटकार लगायी है. कोर्ट ने एक सप्ताह के अंदर महाधिवक्ता रामबालक महतो और रेलवे के वकील को यह बताने को कहा कि जब इस ट्रेन को समय से नहीं चला सकते तो, क्यों नहीं इसें बंद कर देते. इस ट्रेन के परिचालन के कारण बेली रोड पर हड़ताली मोड़ के पास सड़क बंद कर देने से 19 मिनट तक हाइकोर्ट के जज न्यायाधीश डाॅ रवि रंजन की गाड़ी फंसी रही. कोर्ट पहुचने पर उन्होंने तुरत महाधिवक्ता रामबालक महतो को तलब किया. रामबालक महतो के साथ रेलवे के वकील भी कोर्ट पहुंचे. जस्टिस डाॅ रवि रंजन ने महाधिवक्ता से कहा कि इस ट्रेन के हड़ताली मोड़ क्राॅस करने का समय सुबह सवा आठ बजे है. लेकिन यह ट्रेन मंगलवार को 10 बजे के बाद पहुंची. ऐसा अक्सर होता है. न्यायाधीश ने यह भी कहा कि ट्रेन देर से पहुंची और फाटक बंद कर दिया गया. मैं खुद 19 मिनट तक फंसा रहा और इस कारण कोर्ट देर से पहुंचा. मैंने खुद देखा कि ट्रेन में सिर्फ दो यात्री बैठे हुए थे. कोर्ट ने महाधिवक्ता के समक्ष सवाल खड़ा किया कि आखिर पिक आवर में इस ट्रेन को चलाने का क्या फायदा है? यह समय आम लोगों के दफ्तर पहुंचने का या जरूरी काम का होता है. ट्रेन अक्सर विलंब से चलती है और फाटक बंद होने से जाम की स्थिति बनती है. यदि सरकार इस ट्रेन को चलाना चाहती है, तो तय समय पर चलाये. गौरतलब है कि पटना-दीघा रेल मार्ग पर सुबह और शाम दो बार सवारी ट्रेन गुजरती है. यह रेल मार्ग शहर के बीचोबीच से गुजरता है. दोनों ही समय बेली रोड और इससे जुड़ी सड़कों पर भारी ट्रैफिक होता है.

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