शीतलहर की चपेट में गोपालगंज, सड़क पर सन्नाटा
शीतलहर की चपेट में गोपालगंज, सड़क पर सन्नाटा फोटो नं-6,7,8,9,10,11अधिकतम तापमान 24.2 न्यूनतम तापमान 12.8गोपालगंज. मौसम का सितम जारी है. इस वर्ष का सबसे ठंडा दिन बुधवार रहा. शीतलहर की चपेट में पूरा जिला आ गया है. कब सूर्योदय हुआ, कब शाम हुई पता ही नहीं चला. जो स्थिति सुबह सात बजे थी, वह दोपहर […]
शीतलहर की चपेट में गोपालगंज, सड़क पर सन्नाटा फोटो नं-6,7,8,9,10,11अधिकतम तापमान 24.2 न्यूनतम तापमान 12.8गोपालगंज. मौसम का सितम जारी है. इस वर्ष का सबसे ठंडा दिन बुधवार रहा. शीतलहर की चपेट में पूरा जिला आ गया है. कब सूर्योदय हुआ, कब शाम हुई पता ही नहीं चला. जो स्थिति सुबह सात बजे थी, वह दोपहर एक बजे तक कायम रही. चारों तरफ कुहरा छाया था. मौसम विभाग की मानें, तो जैसे जैसे दिन और रात के तापमान नजदीक आयेंगे, ठंड और सतायेगी. बुधवार को अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री व न्यूनतम 12.8 डिग्री दर्ज किया गया. बीते चार दिनों से मौसम बदला है. बुधवार की शाम पांच बजे कुहरा छा गया. धीरे-धीरे यह घना होता गया. आधी रात के बाद धुंध ने पूरे शहर को अपने आगोश में ले लिया. इसके कारण कुछ नजर नहीं आ रहा था. दस फुट की दूरी पर भी कुछ नजर नहीं आ रहा था. सड़क पर दिन में ही लाइट के सहारे गाड़ियां चल रही थीं. मौसम वैज्ञानिक डाॅ एसएन पांडेय की मानें, तो दिन का तापमान अभी और गिरेगा. दिन और रात के तापमान का ज्यादा अंतर नहीं रह जायेगा. कुहरे का प्रकोप अभी जारी रहने की उम्मीद है.फुटपाथ पर रहने वालों पर आयी आफत शीतलहर की शुरुआत पिछले तीन दिनों से हो चुकी है. यह फुटपाथ पर रहनेवाले लोगों पर आफत से कम नहीं है. खास कर रिक्शाचालक व रात में यात्रा करनेवाले यात्रियों को भी शीतलहर का प्रकोप झेलना पड़ रहा है. अभी ठंड का सितम जारी रहने की आशंका है. कहीं भी नहीं जला अलाव प्रशासन की तरफ से अबतक अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. इस बार आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से पहले ही आवंटन मिल चुका है. आवंटन के बावजूद शहर में किसी भी चौक पर अलाव की व्यवस्था नहीं हो सकी है. सड़क पर जीवन गुजारनेवालों को अब इसकी जरूरत पड़ रही है. कांपते हुए स्कूल पहुंचे छात्रबुधवार को भी छात्र कांपते हुए स्कूल पहुंचे. उन्हें स्कूल जाने के लिए सुबह छह बजे स्नान कर तैयार हो पड़ता है. कई स्कूलों की बसें 6:30 बजे स्टोपेज पर पहुंचती हैं. इसके कारण बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ठंड के कारण स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम दिख रही है.