2044 एकड़ भूमि नहीं मिलने के कारण रेलवे, बिजली और सड़क की नौ परियोजनाएं लंबित 2044 एकड़ जमीन की वजह से लंबित है राज्य के आठ बड़ी परियोजनाएंरेलवे द्वारा मुआवजा नहीं देने और 225 विस्थापितों को नहीं बसाने से दो बड़ी परियोजनाएं ठपमुख्य सचिव की समीक्षा में भूमि नहीं मिलने के कारणों की हुई पोस्टमार्टमसंवाददाता, पटना2044 एकड़ जमीन के कारण राज्य सरकार और केंद्र सरकार की आठ बड़ी परियोजनाएं ठप है. गुरुवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंध के साथ भूमि अधिग्रहण और इसकी समस्या की समीक्षा की गयी. मुख्य सचिव ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों को भूमि अधिग्र्रहण और इससे संबंधित समस्या को अविलंब दूर करने का निर्देश दिया. समीक्षा बैठक में बताया गया कि भूमि अधिग्रहण नहीं होने के कारण रेलवे, बिजली और रोड बनाने का काम बाधित है. भूमि पर कहीं दखल कब्जा की समस्या है तो कहीं विस्थापितों को बसाने का काम पूरा नहीं किया गया है. मधेपुरा में विद्युत रेल कारखाना के लिए 307 एकड़ जमीन चाहिए. इसका अब तक दाखिल खारीज नहीं हुआ है. 79.99 एकड़ जमीन की किसानों से अदला बदली और 9.46 एकड़ सरकारी जमीन का हस्तांतरण की समस्या बनी हुई है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी ने बताया कि 2008 में तय दर से मुआवजा लेने से इनकार करने के कारण ऐसी परिस्थित आयी है. मढ़ौरा में डीजल रेल इंजन कारखाना के लिए 226.90 एकड़ जमीन की मामूली समस्या को दूर करने रेलवे को उपलब्ध कराने का दावा किया गया. वहीं पाटलिपुत्रा स्टेशन, पटना के मात्र 1.558 एकड़ जमीन पर पथ निर्माण के लिए अविलंब कार्रवाई का विभाग ने आश्वासन दिया है. बैठक में गंगा रेल पुल के तहत बिंद टोली में गाइड बांध के लिए 205 विस्थापित परिवारों को बसाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. बसाने के लिए जमीन का लेवलिंग किया जा रहा है. इसे 20 दिसंबर तक पूरा कर लिया जायेगा. रेलवे की कमजेारी से नेउरा दनियामा रेल लाइन निर्माण में बाधाबताया गया है कि नेउरा – दनियामा रेल लाइन के लिए राज्य सरकार ने सभी कार्रवाई पूरी कर ली है, पर रेलवे द्वारा भूअर्जन मद की मुआवजे का 69.90 करेाड़ रुपये की भुगतान नहीं करने के कारण निर्माण ठप है. जनवरी में मिल जायेगा बरबीघा-शेखपुरा रेल लाइन के लिए 8.79 एकड़ जमीन समीक्षा बैठक में शेखपुरा-बरबीघा रेल लाइन की जमीन के लिए सभी प्रक्रियायें पूरी कर ली गयी है. जमीन वालों को मुआवजे का भुगतान कैंप लगाकर जनवरी 2016 तक कर दिया जायेगा. रेलवे काे जनवरी में भूमि पर दखल कब्जा करा दिया जायेगा. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भूमि की समस्या के कारण कुल 11 परियोजनाओं को पूरा नहीं होने की समीक्षा की गयी. जो इस प्रकार है. परियोजना जमीन मधेपुरा विद्युत रेल इंजन कारखाना 307 एकड़ जमीन डीजल इंजन कारखाना, मढ़ौरा 226.90 एकड़ जमीनपाटलिपुत्रा स्टेशन 1.558 एकड़ जमीनगंगा रेल पुल के लिए गाइड बांध बनाने 225 विस्थापितों को बसाने का मामलानेउरा -दनियामा रेल लाइन रेलवे ने नहीं दिया मुआवजा के 68.80 करेाड़ रुपयेबरबीघा-शेखपुरा रेल लाइन 21.82 एकड़ जमीन पर दखल कब्जा की समस्यामानपुर फ्लाइ अेवर और बाइपास 30.36 एकड़ जमीन बख्तियारपुर फ्लाइओवर व बाइपास 3462 मीटर जमीन पर दखल कब्जा और भूमि अधिग्रहण की समस्याकोडरमा-तिलैया नयी रेल लाइन 20 गांवों के लोगों को मुआवजा के भुगतान नहीं होना समस्याहाजीपुर-सुगौली रेल लाइन 24 संरचनाओं को हटाने के लिए मुआवजा का भुगतान नहींकोशी पुल और रेल लाइन लगभग 8 एकड़ जमीन का अधिग्रहण नहींखगड़िया-कुशेश्वरस्थान रेल लाइन 114 एकड़ जमीन की अधिग्रहण के आवेदन त्रूटीपूर्णबीआरबीसीएल, नवीनगर 1332.5 एकड़ जमीन में 182 .05 एकड़ जमीन विवाद में
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2044 एकड़ भूमि नहीं मिलने के कारण रेलवे, बिजली और सड़क की नौ परियोजनाएं लंबित
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