ग्राम पंचायत विकास प्लान का आज बनेगा खाका

ग्राम पंचायत विकास प्लान का आज बनेगा खाकाकेंद्रीय पंचायतीराज सचिव एसएम विजयानंद करेंगे बैठकसंवाददाता,पटनाबिहार की 8402 पंचायतों की भूमिका बदलने जा रही है. पंचायतीराज मंत्रालय बिहार का ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान (जीपीडीपी) तैयार कराने जा रही है. केंद्रीय पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव एसएम विजयानंद शनिवार को इस सिलसिले में पटना आर रहे हैं. जीपीडीपी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 6:28 PM

ग्राम पंचायत विकास प्लान का आज बनेगा खाकाकेंद्रीय पंचायतीराज सचिव एसएम विजयानंद करेंगे बैठकसंवाददाता,पटनाबिहार की 8402 पंचायतों की भूमिका बदलने जा रही है. पंचायतीराज मंत्रालय बिहार का ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान (जीपीडीपी) तैयार कराने जा रही है. केंद्रीय पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव एसएम विजयानंद शनिवार को इस सिलसिले में पटना आर रहे हैं. जीपीडीपी की तैयारी को लेकर वे कई विभागों के प्रधान सचिवों व मिशन के एमडी के साथ बैठक कर गाइडलाइन तैयार कराने की पहल करेंगे. 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के बाद बिहार की ग्राम पंचायतों को एक मुश्त बड़ी राशि उपलब्ध करा दी गयी है. यह कोशिश की जा रही है कि गांव में रहनेवालों के लिए पंचायत के स्तर पर समन्वित तरीके से सुविधाएं पहुंचायी जाये. इसी को ध्यान में रखते हुए शनिवार को पंचायती राज, ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, बिपार्ड और जीविका के एमडी को राज्य की पंचायतों के लिए तैयार होनेवाली जीपीडीपी के लिए आयोदित बैठक में शामिल हो. जीपीडीपी में गांवों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति, स्वच्छता जिसमे तरल पदार्थों भी शामिल है. इसके अलावा गांव की गली-नालियां, स्ट्रीट लाइट, श्मशान व कब्रिस्तान क्षेत्र का विकास और उसे अप्रोच रोड से जोड़ना, ग्राम की नर्सरी व पौधारोपण, पार्क का विकास, गांव के स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र व पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराना गाइडलाइन में शामिल होगा, साथ ही ग्राम पंचायत की नागरिक सेवाओं को आॅनलाइन सेवा से जोड़ा जाना है. यह माना जा रहा है कि पंचायतों को 14वें वित्त आयोग के माध्यम से हर साल करीब 45 लाख रुपये खर्च किये जाने हैं. इसके लिए पंचायतों में दक्ष कर्मियों का रहना आवश्यक है. अब जो भी राशि पंचायतों को दी जायेगी उसका आंकड़ा संग्रहित करना होगा साथ ही सभी पैसे का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी दिया जाना है. पंचायतों के 14 वें वित्त आयोग से दो मद में राशि आवंटित की गयी है. इसमें पहली 90 फीसदी राशि बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए, जबकि 10 फीसदी राशि उसके निष्पादन अनुदान के रूप में दी जा रही है.

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