सरकारी झीलों से निकलेगी मछली

सरकारी झीलों से निकलेगी मछली कोर्ट के प्रतिबंध के कारण तीन वर्षों से नहीं हो रही थी झीलों से मछली की उड़ाही सबसे पहले पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान की पुरानी झील की होगी 16 दिसंबर को नीलामी बड़ी मछलियों की उड़ाही में निविदाकर्मियों को छूटेगा पसीना, बड़े जाल लगाने पर है प्रतिबंध झीलों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 6:28 PM

सरकारी झीलों से निकलेगी मछली कोर्ट के प्रतिबंध के कारण तीन वर्षों से नहीं हो रही थी झीलों से मछली की उड़ाही सबसे पहले पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान की पुरानी झील की होगी 16 दिसंबर को नीलामी बड़ी मछलियों की उड़ाही में निविदाकर्मियों को छूटेगा पसीना, बड़े जाल लगाने पर है प्रतिबंध झीलों से मछली-उड़ाही से विभाग को 16 लाख की अतिरिक्त आय की है उम्मीद संवाददाता, पटना वन विभाग की बिहार में सात बड़ी-छोटी झीलों में मछली उड़ाही का रास्ता साफ हो गया है. सातों झीलों में मछली उड़ाही का मामला कोर्ट की रोक के कारण अटका हुआ था. कोर्ट ने मछली उड़ाही पर लगे बैन को वापस ले लिया है, वन पर्यावण विभाग सबसे पहले पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान की सबसे पुरानी झील से मछली उड़ाही का टेंडर फाइनल करेगा. संजय गांधी जैविक उद्यान की झील की नीलामी के बाद वन विभाग गया, मुंगेर और पटना सिटी की अन्य छह झीलों का मछली उड़ाही के लिए नीलामी करेगा. संजय गांधी जैविक उद्यान की पुरानी झील का टेंडर 16 दिसंबर को फाइनल होगा. सातों झीलों में मछली उड़ाही से विभाग को 16 लाख रुपये से अधिक की आय होने की उम्मीद है. उड़ाही में पहले हो चुकी हैं हिंसक वारदातेंवन विभाग की झीलों से पिछले तीन-चार वर्षों से मछली उड़ाही नहीं होने के कारण कई झीलों में एक-एक मछलियां 70 से 80 किलो की हो गयी हैं. वन विभाग ने मछली उड़ाही के लिए बड़े जाल डालने पर प्रतिबंध लगा रखा है, यानी मछली उड़ाही का टेंडर लेने वालों को बड़ी मछलियों की उड़ाही करने में नाको चने चबाने पड़ेंगे. वन विभाग ने झीलों से महज चार दिन ही मछली उड़ाही कराने का प्रावधान तय किया है. झीलों से पूर्व के वर्षों में उड़ाही गयी मछलियों की बिक्री के दौरान हुए हिंसक विवादों से वन विभाग ने सबक सीखा है. विभाग ने इस बार उड़ाही गयी मछलियों का तय दर पर उड़ाही स्थल पर ही भुगतान करने का बाद मछलियों का उठाव कराने का प्रावधान किया है. विभाग इसके लिए झीलों के आस-पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी कर रहा है. यही नहीं, झीलों से उड़ाही गयी मछलियों की शुद्ध तौल खुद निविदाकर्मी करायेंगे, इस पर वन विभाग के अधिकारियों की कड़ी निगरानी होगी. वन पर्यावरण विभाग की कहां-कहां हैं झीलें जिला®झील® कितनी हैं मछलियां पटना®संजय गांधी जैविक उद्यान®40 क्विंटल पटना®मंगल तालाब®80 क्विंटल गया®मुछा लिंडा®72 क्विंटल मुंगेर®खडगपुर®60 क्विंटल मुंगेर®सीताकुंड®50 क्विंटल मुंगेर®कटहरनी®45 क्विंटल मुंगेर®सिंही ऋषि®56 क्विंटल

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