कौतुहल बना कड़कनाथ मुरगा व एमु पक्षी

कौतुहल बना कड़कनाथ मुरगा व एमु पक्षी नोट. फोटो नंबर 11 सीएचपी 20, 21 व 22 है. कैप्सन होगा- कड़कनाथ मुरगा, एमु व उसका अंडा संवाददाता, सोनपुर विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले के कृषि प्रदर्शनी में प्रदर्शन के लिए रखे गये कड़कनाथ मुरगा एवं एमु पक्षी मेलार्थियों के कौतुहल का विषय बना हुआ है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 7:31 PM

कौतुहल बना कड़कनाथ मुरगा व एमु पक्षी नोट. फोटो नंबर 11 सीएचपी 20, 21 व 22 है. कैप्सन होगा- कड़कनाथ मुरगा, एमु व उसका अंडा संवाददाता, सोनपुर विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले के कृषि प्रदर्शनी में प्रदर्शन के लिए रखे गये कड़कनाथ मुरगा एवं एमु पक्षी मेलार्थियों के कौतुहल का विषय बना हुआ है. मुरगा एवं पक्षी को देखने के लिए भारी संख्या में लोग कृषि प्रदर्शनी में इक्ट्ठे हो रहे हैं. जुमई जिले के झाझा के श्री मनोहर एमु फाॅर्म द्वारा मुरगा व एमु के फॉर्मिंग व पालन को प्रोत्साहित करने के लिए मेले में लाया गया है. इस दौरान फार्म के कर्मियों द्वारा लोगों को इन दोनों प्रजातियों के विषय में विस्तृत जानकारी दी जा रही है. वहीं लिट्रेचर भी वितरित किये जा रहे हैं. ककड़नाथ मुरगा की खासियत यह है कि इसका खून व मांस दोनों काला होता है. शौकीनों के कारण इसकी कीमत काफी अच्छी होती है. वर्तमान में मेले में इसे एक हजार रुपये में बेचा जा रहा है. वहीं, एमु संसार का दूसरा ऐसा बड़ा पक्षी है, जो उड़ नहीं सकता. ये हर प्रकार के वातावरण में स्वयं को ढाल लेता है एवं शून्य से 55 डिग्री तक के तापमान में रह लेता है. रेकटाइल परिवार के इस विदेशी पक्षी को वन जीव अधिनियम 1972 के शिड्युल में नहीं रखा गया है, इसलिए इसके पालन के लिए वन विभाग से इजाजत लेने की जरूरत नहीं पड़ती. व्यावसायिक दृष्टिकोण से इसकी फार्मिंग बहुत ही लाभकारी है. जन्म के समय यह आठ से 10 स इंच का होता है एवं 18 से 20 माह में पांच फुट तक बड़ा व 45 से 65 किलोग्राम वजनी हो जाता है. इसकी औसत आयु 35 वर्ष है तथा 25 वर्ष तक ये अंडे देता है. इसके मीट में कैलेस्ट्रोल व चर्बी बिल्कुल नहीं होती, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए हानिकार नहीं, वहीं व्यवसाय के दृष्टि से इसका चमड़ा भी उपयोगी है. जिससे जूता, चप्पल आदि का निर्माण हो सकता है. एमु के शरीर से पांच से छ: लीटर तेल प्राप्त होता है. जिसकी बाजार मूल्य पांच हजार रुपये प्रति लीटर है. आम तौर पर मकई का दर्रा व कंकड़ पत्थर इसका भोजन है तथा इसके अंडे का वजन भी सात सौ ग्राम तक होता है. प्रदर्शनी में फार्म द्वारा इसे 16 हजार रुपये प्रति जोड़ा बिक्री हेतु रखा गया है.

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