सरकार महालेखाकार की टिपण्णी को सरकार गंभीरता से लें : मोदी

सरकार महालेखाकार की टिपण्णी को सरकार गंभीरता से लें : मोदी संवाददाता पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि संसद में पिछले सप्ताह पेश महालेखाकार की रिपोर्ट में बिहार में धान की खरीद और चावल कुटाई में बरती गई अनियमितताओं पर गंभीर टिप्पणियां की गई हैं. राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2015 7:15 PM

सरकार महालेखाकार की टिपण्णी को सरकार गंभीरता से लें : मोदी संवाददाता पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि संसद में पिछले सप्ताह पेश महालेखाकार की रिपोर्ट में बिहार में धान की खरीद और चावल कुटाई में बरती गई अनियमितताओं पर गंभीर टिप्पणियां की गई हैं. राज्य सरकार इसे गंभीरता से लेकर उच्चस्तरीय जांच कराने व दोषियों पर कार्रवाई करने के साथ ही चावल मिलों से उन दो करोड़ से ज्यादा बोरों की वसूली करनी चाहिए जिन्हें राज्य खाद्य निगम को अब तक वापस नहीं किया गया है. सरकार को इस बार हो रही धान की खरीद में पूर्व की गलतियों को दुहराने से बचने की जरूरत है. श्री मोदी ने कहा कि सूबे के सात जिलों औरंगाबाद, नालंदा, रोहतास, कैमूर, पूर्वी चाम्पारण, भोजपुर और पटना के ऑडिट परीक्षण में महालेखाकार ने पाया कि कि वर्ष 2011–12 से लेकर 2013–14 के बीच 944 मिलों को धान भर कर आपूर्ति किए गए 2 करोड़ 23 हजार 873 बोरों को वापस नहीं किया गया जिससे राज्य खाद्य निगम को 43 करोड़ 58 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इसके साथ ही सरकार को 670 करोड़ के 3 लाख 32 हजार मे. टन चावल भी मिलों ने वापस नहीं किया है. इसके साथ ही महालेखाकार ने तीन जिलों पटना, भोजपुर और पूर्वी चम्पारण में धान और चावल की ढुलाई में भी भारी अनियमितता पाई है. ट्रकों से ढुलाई नहीं करके बड़े पैमाने पर ऑटो रिक्शा, जीप, लोडर, पीकअप और डेलिवरी वैन से की गई. महालेखाकार ने यह टिप्पणी भी की है कि बिहार में चावल मिलों के चयन में पारदर्शी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई तथा मिलों की क्षमता का भौतिक निरीक्षण किए बिना उन्हें धान की आपूर्ति की गई. इसके अलावा पैक्सों के साथ मिलों को जो टैगिंग किया गया उसमें दूरी का ख्याल नहीं रखा गया. राज्य सरकार को अविलम्ब महालेखाकार की इन टिप्पणियों पर उच्चस्तरीय जांच कराने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

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