परंपरा व आधुनिकता को समेटे हुए है लकड़ी बाजार
परंपरा व आधुनिकता को समेटे हुए है लकड़ी बाजार 20 हजार से 1.50 लाख तक के पलंग नोट. फोटो नंबर 13 सीएचपी 13, 14 व 15 है. कैप्सन होगा- लकड़ी बाजार में बिकने के लिए आया पलंग व सोफा, व ओखल मूसल़संवाददाता, सोनपुर हरिहर क्षेत्र शबाब पर है. सभी प्रकार की दुकानें, स्टॉल व प्रदर्शनी […]
परंपरा व आधुनिकता को समेटे हुए है लकड़ी बाजार 20 हजार से 1.50 लाख तक के पलंग नोट. फोटो नंबर 13 सीएचपी 13, 14 व 15 है. कैप्सन होगा- लकड़ी बाजार में बिकने के लिए आया पलंग व सोफा, व ओखल मूसल़संवाददाता, सोनपुर हरिहर क्षेत्र शबाब पर है. सभी प्रकार की दुकानें, स्टॉल व प्रदर्शनी पूरी तरह सजे हुए हैं. आपको आधुनिक फर्नीचर खरीदने में हो या विलुप्त होते ओखल, मूसल भी मिल जायेंगे. सोफा सेट, डायनिंग टेबुल, ड्रेसिंग टेबुल, पलंग, दीवान, बॉक्स बेड जहां इस बाजार में लगाये गये दुकानों की शोभा बढ़ा रहे हैं, तो पुराने जमाने की आराम कुरसी हो या लकड़ी की टेबुल कुरसी, बिछावन वाली चौकी हो या रोटी बनाने की चौकी बेलन, अनाज कूटने व दरने की ओखल-मुसल हो या बच्चों के लिए खिलौना यहां सबकुछ दस्तयाव है. आपकी बंटी में कम पैसे हो या अधिक चिंता का विषय नहीं. आप अपने बजट के अनुसार यहां सबकुछ पा सकते हैं. चार हजार से लेकर चालीस हजार तक के फर्नीचर हैं तो 40 रुपये से लेकर चार सौ तक के अन्य सामान. जो जी में आये खरीदीए और ले जाइए.