आज होगी सतीश पांडेय की रिहाई

गोपालगंज : बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद सतीश पांडेय की रिहाई सोमवार को चनावे स्थित जेल से होगा. रिहाई के साथ ही भव्य स्वागत की तैयारी में उनके समर्थक पिछले एक सप्ताह से जुटे हुए हैं. सुबह 11 बजे सतीश पांडेय की रिहाई होनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2015 2:54 AM

गोपालगंज : बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद सतीश पांडेय की रिहाई सोमवार को चनावे स्थित जेल से होगा. रिहाई के साथ ही भव्य स्वागत की तैयारी में उनके समर्थक पिछले एक सप्ताह से जुटे हुए हैं. सुबह 11 बजे सतीश पांडेय की रिहाई होनी है. इसके लिए कुचायकोट के जदयू विधायक अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय की तरफ से हथुआ स्थित पेट्रोल पंप पर स्वागत की तैयारियां अंतिम दौर में है.

इसके अलावा जिले के प्रमुख लोगों के लिए समारोह का आयोजन किया गया है. बता दें कि अपने लंबे आपराधिक जीवन में हत्या, अपहरण, रंगदारी, पुलिस पर हमला जैसे संगीन 33 मामलों में पुलिस की नजरों से ओझल रहनेवाले सतीश पांडेय ने गत 20 अप्रैल, 2010 को तत्कालीन डीएम कुलदीप नारायण, एसपी केएस अनुपम के समक्ष एके-47 के साथ सरेंडर किया था,
तब से जेल में बंद है. चर्चित पुरखास नरसंहार में बरी होने के बाद सतीश पांडेय को विप चुनाव से पूर्व पटना हाइकोर्ट ने स्व बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में जमानत दे दी थी. इसके बाद जब रिहा होने की बात आयी, तो जिला प्रशासन ने विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीसीए के तहत निरुद्ध कर दिया. चुनाव संपन्न होने के साथ ही सतीश पांडेय की रिहाई सोमवार को चनावे स्थित जेल से होना है.
समाज की मुख्य धारा से जुड़ेंगे सतीश : जमानत पर रिहा होने के बाद सतीश पांडेय समाज की मुख्य धारा से जुड़ेंगे. इसकी तैयारी विधायक अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय तथा उनके पुत्र मुकेश पांडेय की तरफ से की गयी है. सतीश पांडेय ने वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में सीवान के दरौली से विधानसभा की चुनाव लड़े, लेकिन माले से हार का सामना करना पड़ा.
इसके बाद 2001 के पंचायत चुनाव में अपने भाई पप्पू पांडेय को जिला पार्षद का चुनाव निर्विरोध जिताया तथा जिला पर्षद का अध्यक्ष भी बनाया. 2005 के विधानसभा चुनाव में पप्पू पांडेय को कटेया से बसपा के टिकट से चुनाव लड़ा कर विधायक बनाया. वर्ष 2005 के अक्तूबर के चुनाव में जदयू के टिकट पर पप्पू पांडेय को विधानसभा में भेजा. तब से अब तक की सीट पर पप्पू पांडेय का कब्जा रहा है.

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