मेला में दिख रहा महिला सशक्तिकरण का नायाब स्वरूप
मेला में दिख रहा महिला सशक्तिकरण का नायाब स्वरूप फोटो-16-से आगे मेला से संबंधित ग्रामीण संस्कृति से शुरू हुआ मेला आधुनिक समय में हुआ शहरी हरिहरक्षेत्र हाजीपुर. धार्मिक, ऐतिहासिक और प्रेम-सौहार्द से भरपूर विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला का आकर्षण बना हुआ हैं. लोग जम कर खरीद-बिक्री कर रहे हैं. मेला अपने पूरे आधुनिक स्वरूप […]
मेला में दिख रहा महिला सशक्तिकरण का नायाब स्वरूप फोटो-16-से आगे मेला से संबंधित ग्रामीण संस्कृति से शुरू हुआ मेला आधुनिक समय में हुआ शहरी हरिहरक्षेत्र हाजीपुर. धार्मिक, ऐतिहासिक और प्रेम-सौहार्द से भरपूर विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला का आकर्षण बना हुआ हैं. लोग जम कर खरीद-बिक्री कर रहे हैं. मेला अपने पूरे आधुनिक स्वरूप में दिख रहा है. ग्रामीण संस्कृति से शुरू हुआ मेला आधुनिक समय में यह शहरी जन-जीवन में रचने बसने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. ग्रामीण जन-जीवन वाले लोगों के लिए आधुनिकता की झलक उन्हें चकित करता हैं. मेला में ग्रामीण और आधुनिक स्वरूप को देख कर व्यवसायी अचंभित दिखते हैं. मेला में आये लोगों का मानना है कि विश्व का यह अद्भुत मेला है जिसकी छटा से सभी मोहित हैं. प्रदर्शनियों में महिला सशक्तिकरण पर जोर हरिहरक्षेत्र हाजीपुर. ग्रामीण उद्यमियों विशेष कर महिला उद्यमियों के हाथों तैयार समानों की मेला में कई स्टॉल लगे है. जहां हो रही जमकर खरीद-बिक्री से महिला उद्यमी उत्साहित है. मेले में इस बार महिला सशक्तिकरण का जोर दिया जा रहा है. ऐसा नहीं है इसके पहले मेला में महिला उद्यमियों की भागीदारी नही होती थी लेकिन इस बार इनकी संख्या में आश्चर्य जनक से बढ़ोतरी हुई है. जानकारों का मानना है बिहार सरकार के प्रयास और पुरुषों के समकक्ष खड़ा रहने की महिलाओं की इच्छा शक्ति ने महिलाओं को इसके लिए प्रेरित किया हैं. सरकार के सहयोग और स्वयं सहायता समूह के प्रयास से महिलाएं नित सफलता का झंडा बुलंद कर रही हैं. अनेक प्रदर्शनियों में इनके स्टॉल लगे हैं और यहां इनके उत्पादों की बिक्री हो रही हैं. पटना,वैशाली, सारण, जमुई, औरंगाबाद, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, सीवान, गोपालगंज सहित अनेक जगहों के लगभग दो सौ से अधिक महिला उद्यमी मेले में अपने उत्पाद को लेकर पहुंची है और उसकी बिक्री कर रही हैं. इनकी बनाई कलाकृति, खिलौने, सजावटी सामान के अलावा दैनिक जीवन के उपयोग की वस्तुएं सभी महिलाएं तैयार करती हैं, जिसे लोग खरीदारी भी कर रहे हैं. सीप और मोतियों के शृंगार प्रसाधन बना विशेष आकर्षणहरिहरक्षेत्र हाजीपुर. सीप और मोतियों से बने शृंगार प्रसाधन के साथ घरों के सजावटी सामान मेला में आये लोगों को आकर्षित कर रही है.यहां मीना बाजार सहित अनेक प्रदर्शनियों में इसके स्टॉल सजे हैं. मोतियों से बन गले का हार, अंगूठी शंख एवं सजावट के सामन लोगों की पहली पसंद बन रही हैं. मोती के कई किस्म है तो सीपियों के आकर्षण में भी लोग बंध जाते हैं. कृत्रिम मोती की अपेक्षा लोग असली मोती लेना पसंद करते हैं. असली सीप और मोती की कीमत कुछ अधिक है. दुकानदार कामेश बताता है कि शृंगार के लिए तैयार किया गया भी मोती असली ही है, लेकिन इसे कृत्रिम रूप से तैयार किया गया है. जबकि समुद्र में पाये जाने वाले मोती की कीमत अधिक होती हैं. कृत्रिम रूप से मोती तैयार करने के लिए भी सीप का ही प्रयोग किया जाता है. वह बताते है कि बसरा का मोती श्रेष्ठ होता है. जिसके 5 रत्ती की कीमत 350 रुपये हैं. सीप का शंख और सजावट के सामानों की बिक्री खूब हो रही हैं.