रामचंद्रन ने झेली कड़ी आलोचनाएं, कोर्ट पर चली जोशना
रामचंद्रन ने झेली कड़ी आलोचनाएं, कोर्ट पर चली जोशनानयी दिल्ली. जोशना चिनप्पा वर्ष 2015 में दीपिका पल्लिकल को पीछे छोड़ कर भारत की सर्वोच्च रैंकिंग की खिलाड़ी बनी, जबकि कोर्ट से इतर एन रामचंद्रन को विश्व स्क्वॉश महासंघ (डब्ल्यूएसएफ) के प्रमुख की अपनी भूमिका के लिए कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. रामचंद्रन को डब्ल्यूएसएफ […]
रामचंद्रन ने झेली कड़ी आलोचनाएं, कोर्ट पर चली जोशनानयी दिल्ली. जोशना चिनप्पा वर्ष 2015 में दीपिका पल्लिकल को पीछे छोड़ कर भारत की सर्वोच्च रैंकिंग की खिलाड़ी बनी, जबकि कोर्ट से इतर एन रामचंद्रन को विश्व स्क्वॉश महासंघ (डब्ल्यूएसएफ) के प्रमुख की अपनी भूमिका के लिए कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. रामचंद्रन को डब्ल्यूएसएफ और भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) दोनों के अध्यक्ष के रूप में काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी. संयोग से इसी वर्ष उनके भाई एन श्रीनिवासन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से भी हटाया गया. पेशेवर स्क्वॉश संघ (पीएसए) को इस हद तक चला गया कि उसने ओलिंपिक में स्क्वॉश को जगह दिलाने में नाकाम रहने पर रामचंद्रन को खेल के लिए ‘शर्मिंदगी’ करार दे दिया. स्वदेश में भारत के कुछ सदस्य महासंघों ने उन्हें आइओए प्रमुख पद से हटाने की कोशिश की, लेकिन वह किसी तरह अपने पद पर बने रहने में सफल रहे. वर्ष के शुरू में पुरुष पेशेवर संस्था पीएसए और महिला संस्था डब्ल्यूएसए का विलय भी हुआ. कोर्ट पर जोशना भारत के तीन प्रमुख खिलाड़ियों में सबसे अधिक सफल रही. उनके अलावा दीपिका और सौरव घोषाल भारतीय स्क्वॉश के दो नामी चेहरे हैं. जोशना के लिए वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण क्षण कतर क्लासिक में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी रानीम एल वेलिली को हराना रहा. मेलबर्न और मुंबई में 15 हजार डॉलर इनामी दो खिताब और न्यूयार्क में कारोल वेमुलर ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचने से वह अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ 13वीं रैंकिंग पर पहुंचने में सफल रही. यह दिसंबर 2014 से नौ पायदान अधिक है. यह पिछले पांच वर्षों में पहला अवसर है, जबकि यह 29 वर्षीय खिलाड़ी सत्र के आखिर में पल्लिकल से आगे रही. पल्लिकल ने अगस्त में शादी के कारण कम प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और वह 16वें स्थान पर हैं. जोशना अपनी फॉर्म का पूरा फायदा उठाना चाहती हैं और उनका लक्ष्य अगले सत्र में बेहतर प्रदर्शन करने पर है.जोशना ने कहा, ‘यह मेरे लिए अच्छा साल रहा लेकिन मैं यहीं नहीं रुकना चाहती. मुझे विश्वास है कि मैं आगे बढ़ सकती हूं. निश्चित तौर पर लक्ष्य पहले शीर्ष 10 और फिर शीर्ष पांच में शामिल होना है. मैं यह नहीं सोचना चाहती हूं कि मैं अपने खेल के चरम पर हूं. मैं अभी 29 साल की हूं और स्क्वॉश का इतिहास गवाह रहा है कि कई खिलाड़ी 30 साल के बाद अपने चरम पर पहुंचे हैं.’ दीपिका के लिए कोर्ट से बाहर यह यादगार वर्ष रहा और वह क्रिकेटर दिनेश कार्तिक के साथ परिणय सूत्र में बंधी. स्क्वॉश कोर्ट पर वह अपने स्तर के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पायी. उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं, तो यह मेरे लिए शानदार वर्ष नहीं रहा. मैं वैसा नहीं खेल पायी जैसा खेल सकती थी. अच्छी बात यह रही कि मेरी रैंकिंग में बहुत गिरावट नहीं आयी और उम्मीद है कि अगले साल अच्छा प्रदर्शन करके मैं फिर से शीर्ष 10 में शामिल होने में सफल रहूंगी.’