लालू और शराब लाबी के दबाव से पूर्ण शराबबंदी से पीछे हटी सरकार .सुशील मोदी
लालू और शराब लाबी के दबाव से पूर्ण शराबबंदी से पीछे हटी सरकार .सुशील मोदी संवाददाता पटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और शराब लाबी के दबाव में पूर्ण मद्यनिषेध लागू करने का वादा […]
लालू और शराब लाबी के दबाव से पूर्ण शराबबंदी से पीछे हटी सरकार .सुशील मोदी संवाददाता पटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और शराब लाबी के दबाव में पूर्ण मद्यनिषेध लागू करने का वादा तोड़ दिया है. अब पहली अप्रैल से ऐसी आंशिक शराबबंदी लागू होगी जिसमें सिर्फ देशी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध होगा. पूर्ण मद्यनिषेध को तो अनश्चिति काल के लिए टाल दिया गया है. ऐसा लगता है कि शराबबंदी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने उन बड़ी बड़ी शराब कंपनियों के हितों का ज्यादा ध्यान रखा जिनसे सत्तारूढ़ दल को चुनाव में मदद मिली. पूर्ण शराबबंदी की जानी है तो सरकार विदेशी शराब की खुदरा दुकानें क्यों खोलने जा रही . श्री मोदी ने कहा कि क्या सरकारी मदिरा दुकानों पर खर्च किया गया जनता का पैसा बर्बाद नहीं होगा. सवाल यह भी है कि क्या सरकार का काम व्यापार करना और दुकान चलाना है. नई उत्पाद नीति की समीक्षा के लिए छह माह की अवधि क्यों तय की गई. अगर मंशा गरीबों को शराबखोरी से बचाने की है तो क्या सरकार को शहर में रहने वाले दो तिहाई गरीबों की कोई फिक्र नहीं है. क्या विदेशी शराब को शहर से गांव पहुंचने से रोका जा सकता है. अधूरी शराबबंदी से क्या भ्रष्टाचार नहीं बढ़ेगा . मुख्यमंत्री को इन सवालों का उत्तर देना चाहिए. वे पहाड़ों से पत्थर तोड़ने पर रोक लगाने के बाद उस फैसले को पलट चुके हैं. पान मसाला और गुटखा पर लगा प्रतिबंध प्रभावी नहीं है. पूर्ण शराबबंदी के मामले में भी ऐसे संकेत मिल रहे हैं. नई उत्पाद नीति में कई ऐसे सुराख छोड़ दिये गए हैं जिससे शराब कारोबारी इसका लाभ उठाकर अपना धंधा जारी रख सकें और इसे हाईकोर्ट में चुनौती भी दे सकें.