अब नक्सलियों के लेवी नेटवर्क पर प्रहार करेगा सीआरपीएफ – सीआरपीएफ के बिहार-झारखंड आइजी शैलेन्द्र कुमार ने प्रेस वार्ता में कहा- अभी राज्य में सीआरपीएफ की 29 और कोबरा की 15 बटालियन है तैनात- राज्य में जेड प्लस सुरक्षा घेरे वाले वीआइपी की सुरक्षा में लगी है दो कंपनी फोर्स – 2015 में नक्सलियों के खिलाफ अब तक एक हजार ऑपरेशन किये सीआरपीएफ नेसंवाददाता, पटनाबिहार में पिछले कुछ सालों के दौरान नक्सलियों के हौसलों को सीआरपीएफ ने पस्त कर दिया है. अब इसके लेवी नेटवर्क को ध्वस्त करने पर केंद्रीय फोर्स खासतौर से प्रहार करेगी. इसके लिए खास कार्ययोजना तैयार करके कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. नक्सली क्षेत्रों में जिस व्यापारी या निर्माण कंपनी से नक्सली लेवी की मांग करेंगे, उनकी हिफाजत सीआरपीएफ भी करेगी. यह जानकारी सीआरपीएफ के बिहार-झारखंड आइजी शैलेन्द्र कुमार ने दी. सीआरपीएफ मुख्यालय में शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि बिहार को नक्सल मुक्त करना उनका लक्ष्य है, जिसे आने वाले कुछ वर्षों में हासिल कर लिया जायेगा. नक्सल गतिविधि फिलहाल मुख्य रूप से जमुई, गया और औरंगाबाद जिलों तक ही सिमट कर रह गयी है. इन जिलों में भी तेजी से ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि सिर्फ दिसंबर महीने में ही नक्सलियों के पांच बड़े लीडर गिरफ्तार हो चुके हैं. आइजी ने कहा कि अभी बिहार में सीआरपीएफ की 29 और कोबरा फोर्स की 15 बटालियन तैनात है, जिन्हें खासतौर से नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है. इसके अलावा दो कंपनी फोर्स जेड प्लस के सुरक्षा प्राप्त वीआइपी की सुरक्षा में तैनात है. आइजी शैलेन्द्र कुमार ने हाल ही में बिहार-झारखंड का प्रभार संभाला है. इससे पहले वे सीआरपीएफ के मॉडर्नाइजेशन में भी काफी अहम भूमिका निभा चुके हैं. इस जोन की सीआरपीएफ कंपनी के आधुनिकीकरण करने पर खासतौर से ध्यान दिया जायेगा. सीमावर्ती राज्यों झारखंड, नेपाल समेत अन्य से सटे जिलों में नक्सली ऑपरेशन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में राज्य पुलिस का काफी अच्छा सहयोग मिल रहा है. इसी वजह से यहां नक्सलवाद खत्म होने की कगार पर पहुंचता जा रहा है. इस दौरान एसिस्टेंट कमांडेंट करूणा राय समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.2015 में हुए एक हजार ऑपरेशननक्सलियों के खिलाफ सूबे में सीआरपीएफ ने इस वर्ष अब तक एक हजार ऑपरेशन किये हैं. इसी का परिणाम है कि अब तक करीब दो दर्जन नक्सली नेता गिरफ्त में आ चुके हैं. सिर्फ दिसंबर महीने में ही अब तक पांच बड़े नक्सल नेता गिरफ्तार किये जा चुके हैं, जिसमें अर्जुन पासवान, लाला यादव, मदन शाह, कृष्णा मिस्त्री और नौरंगी भूइया शामिल हैं. इस दौरान 13-14 बार मुठभेड़ भी हुए हैं. इसमें तीन नक्सल कमांडर भी मारे गये हैं. दो जवान शहीद और 13 घायल हुए हैं. चार हजार किलो विस्फोटक भी जब्त किये गये हैं.सिविक एक्शन प्रोग्राम भी किये गये शुरूनक्सल प्रभावित क्षेत्रों खासकर भीमबांध, चकरबंदा जैसे दुर्गम क्षेत्रों में सीआरपीएफ की तैनात बटालियन सिविक एक्शन प्रोग्राम भी चलाती है. आइजी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को आने वाले समय में तेज किया जायेगा. इसके तहत इन इलाकों के लोगों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाये जाते हैं. इसमें कौशल विकास, मेडिकल कैंप का आयोजन जैसे कई कार्यक्रम चलाये जाते हैं. स्थानीय लोगों से बटालियन अपनी जरूरत के सामान खरीदती है, ताकि इनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो. ऐसे 20-25 स्थानों पर इस तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं.
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अब नक्सलियों के लेवी नेटवर्क पर प्रहार करेगा सीआरपीएफ
अब नक्सलियों के लेवी नेटवर्क पर प्रहार करेगा सीआरपीएफ – सीआरपीएफ के बिहार-झारखंड आइजी शैलेन्द्र कुमार ने प्रेस वार्ता में कहा- अभी राज्य में सीआरपीएफ की 29 और कोबरा की 15 बटालियन है तैनात- राज्य में जेड प्लस सुरक्षा घेरे वाले वीआइपी की सुरक्षा में लगी है दो कंपनी फोर्स – 2015 में नक्सलियों के […]
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