शक्षिा विभाग ने एसटीइटी के लिए बिहार बोर्ड से मांगा प्रस्ताव

शिक्षा विभाग ने एसटीइटी के लिए बिहार बोर्ड से मांगा प्रस्तावसीएम के निर्णयों का प्रस्ताव बनाने में जुटा विभाग, अधिकारियों को दिये गये टास्कआर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी को भी ‘स्कूल ऑफ रिवर सिस्टम स्टडी’ और ‘पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ के लिए जल्द दे प्रस्तावसेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए अंगीभूत कॉलेजों को चिह्नित करेंगे हाइयर डायरेक्टरसंवाददाता, पटनामुख्यमंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2015 9:49 PM

शिक्षा विभाग ने एसटीइटी के लिए बिहार बोर्ड से मांगा प्रस्तावसीएम के निर्णयों का प्रस्ताव बनाने में जुटा विभाग, अधिकारियों को दिये गये टास्कआर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी को भी ‘स्कूल ऑफ रिवर सिस्टम स्टडी’ और ‘पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ के लिए जल्द दे प्रस्तावसेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए अंगीभूत कॉलेजों को चिह्नित करेंगे हाइयर डायरेक्टरसंवाददाता, पटनामुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ समीक्षात्मक बैठक में लिये गये निर्णयों के दूसरे दिन भी शिक्षा विभाग कार्ययोजना बनाने में जुट गया है. शनिवार को शिक्षा विभाग में इन्हीं निर्णयों को लेकर बैठक आयोजित की गयी. बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों की कार्ययोजना बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी और अधिकारियों को टास्क दिया गया. प्रधान सचिव डा. डी. एस. गंगवार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को स्पेशल टीचर इलिजिब्लिटी टेस्ट (एसटीइटी) के आयोजन के लिए प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार बोर्ड जल्द से जल्द प्रस्ताव बना कर लाये कि वह एसटीइटी परीक्षा कब लेगा? साथ ही अगले साल होने वाली मैट्रिक की परीक्षा को कदाचार मुक्त आयोजन के लिए व्यापक तैयारी की जाये. अगर किसी स्कूल के केंद्र पर कदाचार होता है तो संबंधित स्कूल के साथ-साथ वहां कर्मियों पर जिम्मेवारी तय की जाये. डा. गंगवार ने उच्च शिक्षा के निदेशक को निर्देश दिया गया कि वे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए अंगीभूत कॉलेजों को चिह्नित करें और उसका प्रस्ताव तैयार करें. बैठक में आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी को भी खुलने वाले दो स्कूलों ‘स्कूल ऑफ रिवर सिस्टम स्टडी’ और ‘पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ के लिए जल्द ही प्रस्ताव देने को कहा गया है कि वे कब तक इसे खोलेंगे. इसके साथ-साथ जिन सरकारी स्कूलों में शौचालय तो बन गया है, लेकिन वहां पानी की टंकी नहीं है बिहार शिक्षा परियोजना उसे जल्द ही उपलब्ध कराये. कई जगहों पर मध्याह्न भोजना योजना बंद है, उसे जल्द से जल्द शुरू कराया जाये और जहां बच्चों के लिए प्लेट नहीं है वहां प्लेट की खरीदारी के लिए बीइपी प्रस्ताव तैयार करे. शिक्षा विभाग में मुख्यमंत्री के निर्णयों को लेकर आयोजित बैठक में प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा निदेशालय के पदाधिकारी समेत मध्याह्न भोजन योजना, बिहार शिक्षा परियोजना के पदाधिकारी भी मौजूद थे.

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