पांच साल बाद 2016 में होगा स्पेशल टीइटी
पांच साल बाद 2016 में होगा स्पेशल टीइटी2011 में एक बार ही हुआ है टीइटी और एसटीइटीसंवाददाता, पटना बिहार में 2011 के बाद अब 2016 में स्पेशल टीचर इलिजिब्लिटी टेस्ट (विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा) का आयोजन किया जायेगा. बिहार में शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को ट्रेंड (बीएड-एमएड) के साथ-साथ टीचर इलिजिब्लिटी टेस्ट (टीइटी) में […]
पांच साल बाद 2016 में होगा स्पेशल टीइटी2011 में एक बार ही हुआ है टीइटी और एसटीइटीसंवाददाता, पटना बिहार में 2011 के बाद अब 2016 में स्पेशल टीचर इलिजिब्लिटी टेस्ट (विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा) का आयोजन किया जायेगा. बिहार में शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को ट्रेंड (बीएड-एमएड) के साथ-साथ टीचर इलिजिब्लिटी टेस्ट (टीइटी) में पास करना आवश्यक है. वैसे ट्रेंड अभ्यर्थी जो टीइटी-एसटीइटी पास नहीं हैं वे शिक्षक नहीं बन सकते हैं. ऐसे में बिहार सरकार ने साल 2011 में पहली बार बिहार में टीइटी और एसटीइटी परीक्षा का आयोजन किया था. सरकार ने हर साल टीइटी लेने का एलान किया था, लेकिन चार सालों से यह नहीं हो सका है. 2011 में प्रारंभिक स्कूलों में क्लास एक से पांच के लिए और क्लास छह से आठ के लिए अलग-अलग टीइटी का आयोजन किया गया, जबकि हाइ व प्लस टू स्कूल के लिए स्पेशल टीइटी का आयोजन किया गया था. प्रारंभिक स्कूलों के लिए टीइटी में 1.21 लाख अभ्यर्थी पास किये थे, जबकि हाइ स्कूलों में करीब 69 हजार और प्लट टू स्कूलों में 20 हजार अभ्यर्थी क्वालिफाइ किये थे. टीइटी-एसटीइटी पास इन्हीं अभ्यर्थियों की बहाली प्रक्रिया 2012 में प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्कूल तक बहाली की प्रक्रिया शुरू की गयी, जो अब तक जारी है. इस साल शुरुआत में ही टीइटी-एसटीइटी लेने का शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को निर्देश भी दिया था, लेकिन बिहार बोर्ड ने मैट्रिक-इंटर की परीक्षा और उसके बाद उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का हवाला दिया, जिसकी वजह से यह ठंडे बस्ते पर चल गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग की बैठक में वैसे विषयों जिसमें अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं उसका स्पेशल टीइटी लेने के लिए विभाग को निर्देश दिया है. वर्तमान में गठित, अंगरेजी, विज्ञान, कॉमर्स समेत भाषा के शिक्षक नहीं मिल रहे हैं. इस वजह से इसके अधिकांश पद रिक्त रह जा रहे हैं. 2011 में हुई टीइटी और एसटीइटी में पास अधिकांश अभ्यर्थी सोशल साइंस के थे. साइंस, गणित, अंगरेजी समेत कई विषयों में आरक्षित कोटि के अभ्यर्थी नहीं मिलने की वजह से पद रिक्त रह गये हैं. हालांकि 2011 में टीइटी-एसटीइटी में सफल हुए अभ्यर्थियों के पैनल की मान्यता सात सालों तक निर्धारित है, इस वजह से टीइटी-एसटीइटी पास अभ्यर्थियों के पास ट्रेंड होने के बाद तीन सालों तक नियुक्ति का मौका है. 2011 टीइटी-एसटीइटी में सफल अभ्यर्थी :-प्रारंभिक स्कूल : 1.21 लाखहाइ स्कूल : करीब 69 हजारप्लस टू स्कूल : करीब 20 हजार2012 से चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में पद व बहाली :- स्कूल कुल पद बहाल हुए कुल रिक्तिप्रारंभिक स्कूल 1.53 लाख 83 हजार करीब 70,000हाइ स्कूल 17,500 11 हजार करीब 6,500प्लस टू स्कूल 17,583 5,391 12,192