बिहार में लागू होगा नया किरायेदार कानून
बिहार में लागू होगा नया किरायेदार कानून नई पहल : केंद्र ने राज्य सरकार से नया टिनेंसी एक्ट 2015 के प्रारूप पर मांगा मंतव्य संवाददाता,पटनाबिहार में नया किरायेदार कानून लागू होगा. इसकी पहल शुरू हो गयी है. इस कानून के लागू हो जाने के बाद आवासीय व वाणिज्यिक भवन के मालिक जहां बिना झंझट इसे […]
बिहार में लागू होगा नया किरायेदार कानून नई पहल : केंद्र ने राज्य सरकार से नया टिनेंसी एक्ट 2015 के प्रारूप पर मांगा मंतव्य संवाददाता,पटनाबिहार में नया किरायेदार कानून लागू होगा. इसकी पहल शुरू हो गयी है. इस कानून के लागू हो जाने के बाद आवासीय व वाणिज्यिक भवन के मालिक जहां बिना झंझट इसे किराये पर दे सकेंगे, वहीं किरायेदारों के हक में यह होगा कि किराये का निर्धारण सरकार सिलिंग के माध्यम से करेगी. मकान मालिक सिक्युरिटी मनी के नाम पर तीन माह से अधिक का किराया नहीं ले सकेंगे. साथ ही किरायेदार सुविधा कम होने पर किराया में कमी करने की बात कर सकते हैं. ज्ञात हो कि भारत सरकार ने नया टिनेंसी एक्ट 2015 तैयार किया है जिसके प्रारूप पर बिहार सरकार से मंतव्य की मांग की गयी है. राज्य सरकार ने नया टिनेंसी एक्ट 2015 पर विधि आयोग से परामर्श मांगा है. भारत सरकार द्वारा तैयार नया टिनेंसी एक्ट 2015 के प्रारूप पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई. नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि विधि आयोग की टिप्पणी मिलने के बाद इसे भारत सरकार के आवास एवं शहरी गरीबी उप शमन मंत्रालय को भेज दिया जायेगा. केंद्र सरकार द्वारा इसकी मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार इसे स्वीकार कर लेगी. प्रदेश में अभी बिहार बिल्डिंग (लीज,रेंट एंड इविक्शन) कंट्रोल एक्ट 1982 प्रभावी है. राज्य के शहरी क्षेत्र में करीब 20 लाख आवास हैं, जिसमें 10 प्रतिशत आवासों में किरायेदार रह रहे है. किराया प्राधिकार का होगा गठन नया टिनेंसी एक्ट में सरकार उचित किराया निर्धारण के लिए किराया प्राधिकार का गठन करेगी. इसके बाद किराया न्यायालय व न्यायाधिकरण की स्थापना की जायेगी. आवास मालिकों व किरायेदारों के बीच किराये का निर्धारण प्राधिकार द्वारा किया जायेगा. मकान मालिक व किरायेदारों के बीच लिखित एकरारनामा होगा जो प्राधिकरण के पास जमा कराया जायेगा. प्राधिकरण उसका पंजीकरण करके दोनों पक्ष को एक नंबर आवंटित कर देगा. किरायेदार को निर्धारित समय तक रहने की अनुमति मिलेगी. समय पूरा होने पर किरायेदार को इसके रिन्युअल के लिए मकान मालिक के पास जाना होगा. अगर दोनों में सहमति बन गयी तो इसका रिन्युअल होगा. अगर मकान मालिक नहीं चाहेगा तो पुराने एग्रीमेंट के आधार पर अधिकतम छह माह तक किरायेदार रह सकता है. मकान मालिकों का दायित्व होगा कि वह समय-समय पर आवासों की मरम्मत कराये. जैसे संरचना में सुधार करना (किरायेदारों द्वारा डैमेज को छोड़कर), दीवार व दरवाजे-खिड़कियों की रंगाई-पुताई का काम, आवश्यक होने पर पाइप का बदलाव, अंदर व बाहर की बिजली के वायर को ठीक कराना, टैप वासर को ठीक करना, वाशरूम, गिजर व अन्य उपकरणों की मरम्मत करना .