अंचल झेल रहा संसाधनों की मार, कैसे लगेगा जनता दरबार

अंचल झेल रहा संसाधनों की मार, कैसे लगेगा जनता दरबार ससमय नहीं हो पाता मामलों का निबटारा महीनों लंबित रहते हैं भूमि विवाद के मामले पंचदेवरी. पंचदेवरी जिले का सबसे छोटा प्रखंड है. पूर्णत: ग्रामीण इलाका होने के कारण यहां भूमि विवाद के मामले अधिक आते हैं, लेकिन समस्या यह है कि इन मामलों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2015 6:30 PM

अंचल झेल रहा संसाधनों की मार, कैसे लगेगा जनता दरबार ससमय नहीं हो पाता मामलों का निबटारा महीनों लंबित रहते हैं भूमि विवाद के मामले पंचदेवरी. पंचदेवरी जिले का सबसे छोटा प्रखंड है. पूर्णत: ग्रामीण इलाका होने के कारण यहां भूमि विवाद के मामले अधिक आते हैं, लेकिन समस्या यह है कि इन मामलों के निबटारे के लिए अंचल कार्यालय में जनता दरबार का आयोजन नहीं किया जाता है. निर्धारित तिथियों को यदि यहां जनता दरबार का आयोजन हो, तो अन्य मामलों सहित भूमि विवाद से संबंधित अधिकतर मामलों का निबटारा यहीं से हो जायेगा. ग्रामीणों को छोटे-छोटे विवादों के लिए जिला मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. लेकिन, संसाधनों का अभाव, सीमित स्टाफ एवं पुलिस बल की कमी के कारण यहां जनता दरबार का आयोजन नहीं हो पाता है. इससे अधिकतर मामले महीनों लंबित रहते हैं. इससे ग्रामीणों को तो परेशानी होती ही है. अंचल के पदाधिकारियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दरअसल समस्या यह है कि पंचदेवरी और कटेया दोनों अंचलों का थाना एक ही है और जनता दरबार का आयोजन भी एक ही दिन होना है. कटेया अंचल का क्षेत्र बड़ा होने के कारण पुलिस पदाधिकारियों को वहीं से फुरसत नहीं मिलती है, जिसके कारण पंचदेवरी अंचल कार्यालय में मामलों का निबटारा ससमय नहीं हो पाता है. क्या है प्रावधानराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एक प्रावधान के तहत महीने के पहले व तीसरे मंगलवार को सीओ तथा थानाध्यक्ष को संयुक्त रूप से अंचल कार्यालय में जनता दरबार का आयोजन कर भूमि विवाद सहित अन्य मामलों का निबटारा करना है. क्षेत्र की जनता की शिकायतें सुननी हैं तथा उनका समाधान भी करनी है. लेकिन, पंचदेवरी में यह व्यवस्था कब शुरू होगी यह कहना मुश्किल है. क्या कहते हैं अधिकारीपंचदेवरी को थाने की सख्त जरूरत है. पुलिस की सहायता मिलने से अन्य मामलों सहित भूमि विवाद संबंधित अधिकतर मामलों का निबटारा यहीं से हो जायेगा. इसी कमी के कारण जनता दरबार सफल नहीं हो पाता. उपेंद्र कुमार तिवारी, सीओ

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