लाखों खर्च के बाद भी प्यासे हैं हम

लाखों खर्च के बाद भी प्यासे हैं हमचार माह से नल से नहीं टपका पानीफोटो-20बैकुंठपुर. कहते हैं जल ही जीवन है. जल बगैर जीना मुहाल व जीवन का कोई मोल नहीं. लेकिन, बैकुंठपुर मुख्यालय स्थित नवनिर्मित जलमीनार के पीछे लाखो रुपये खर्च करने के बाद भी जल के अभाव में अगल-बगल के लोग प्यासे हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2015 6:30 PM

लाखों खर्च के बाद भी प्यासे हैं हमचार माह से नल से नहीं टपका पानीफोटो-20बैकुंठपुर. कहते हैं जल ही जीवन है. जल बगैर जीना मुहाल व जीवन का कोई मोल नहीं. लेकिन, बैकुंठपुर मुख्यालय स्थित नवनिर्मित जलमीनार के पीछे लाखो रुपये खर्च करने के बाद भी जल के अभाव में अगल-बगल के लोग प्यासे हैं. इस जलमीनार से जुड़े नलों में चार माह हो गये पानी टपके. आलम यह है कि शुद्ध पेयजल के लिए यहां के लोग तरस रहे हैं. पूछने पर ऑपरेटरों द्वारा बताया जाता है कि मोटर जल गयी है. चार माह से मोटर ठीक नहीं हो सकी है. पीएचइडी की शिथिलता के कारण शुद्ध पेयजल के लिए लोग तरस रहे हैं. इस दिशा में जलापूर्ति विभाग गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है. इससे लोगों बीच काफी क्षोभ है.क्या कहते हैं लोग शुद्ध पेयजल के पीछे रोजाना 30 रुपये खर्च करना पड़ रहा है. जलमीनार का समुचित लाभ नहीं मिल पाता रहा है.फोटो-21,भोला प्रसाद चापाकल के पानी पर निर्भर होना पड़ रहा है. जलमीनार का लाभ सही मायने में नहीं मिल पा रहा है.फोटो-22, शंभूनाथ साहविकास के नाम पर जलमीनार चालू तो हुई, मगर ठीक से कभी भी जलापूर्ति नहीं हो पाती. शुद्ध पेयजल की समस्या जस- की-तस बनी रह गयी.फोटो- 23, छोटेलाल साहशुद्ध पेयजल आपूर्ति को लेकर नल पोस्ट लगा कर छोड़ दिया गया है. आज तक जल टपका ही नहीं है. पीएचइडी के जल का कैसा रूप होता है यह देखने के लिए तरसते रह गये.फोटो- 24, कृष्णा शुक्ला

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