थानों और कॉलेज से शिकायत पेटियां गायब – बटाम
थानों और कॉलेज से शिकायत पेटियां गायब – बटामलापरवाही : कागजों में ही रह गयीं महिला अपराध रोकने की योजनाएं शोहदों के खिलाफ नहीं चालया गया कोई अभियान महिला अपराध रोकने के दावे हो रहे हवा हवाई फोटो- 1गोपागलंज. मनचलों से निबटने के लिए स्टार मोबाइल के अलावा कॉलेजों के बाहर सादी वरदी में महिला […]
थानों और कॉलेज से शिकायत पेटियां गायब – बटामलापरवाही : कागजों में ही रह गयीं महिला अपराध रोकने की योजनाएं शोहदों के खिलाफ नहीं चालया गया कोई अभियान महिला अपराध रोकने के दावे हो रहे हवा हवाई फोटो- 1गोपागलंज. मनचलों से निबटने के लिए स्टार मोबाइल के अलावा कॉलेजों के बाहर सादी वरदी में महिला पुलिस की तैनाती की योजना कागजों में ही बनी रह गयी है. गर्ल्स कॉलेजों और शहर के थानों में शिकायत पेटियां लगायी गयी थीं. इसका मकसद यह था कि छात्राएं या महिलाएं गुप्त रूप से अपनी शिकायत लिख कर यहां डाल सके और पुलिस इसके आधार पर कार्रवाई कर उन्हें भयमुक्त वातारण उपलब्ध कराया जा सके. समय बदला, कप्तान बदले और बदले थानेदार. देखते-ही-देखते पेटियों के ताले गायब हो गये और पेटियों में भी जंग लग गया. वर्तमान में पेटियों का नामोनिशान भी नहीं है. कहीं पेटियां दिखीं, तो उन्हें महीनों से खोला नहीं गया, जबकि जिले में औसतन प्रतिदिन छेड़छाड़ के दो मामले आते हैं. नहीं चला कोई भी अभियान शहर में महिलाओं की सुरक्षा के दावे करनेवाली पुलिस ने शोहदों को पकड़ने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया है. इतना ही नहीं जिले के 20 थानों में न तो कोई मनचला रंगे हाथ पकड़ा और न ही सार्वजनिक स्थानों पर उनकी तलाश में दबिश दी गयी, जबकि महिला पुलिसकर्मियों की कागजों में तैनाती कॉलेजों के बाहर की जाती है.शोहदों को रोकने के ये इंतजाम शोहदों पर नकेल कसने के लिए जिला स्तर पर महिला सिपाहियों की एक बड़ी फौज जिले मे मौजूद है. इसके अलावा ईगल, लैपर्ड और रिजर्व पुलिस बल भी शोहदों की तलाश में लगाये गये थे. महिला थाने की पुलिस को भी इस अभियान में शामिल किया जाता था.क्या कहते हैं डीएसपीमहिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगायी जाती है. शिकायत पेटियों के संबंध में जानकारी कर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि समय से पेटियां खोली जाएं. नरेश चंद्र मिश्र