सिंचाई योजनाओं का भूमि संकट दूर करने के लिए एनजीओ की मदद लेगा जल संसाधन विभाग
सिंचाई योजनाओं का भूमि संकट दूर करने के लिए एनजीओ की मदद लेगा जल संसाधन विभाग भूमि अधिग्रहण न होने से आठ जिलों में अटका है लघु व मध्यम सिंताई योजना का काम गांव-पंचायतों में कैंप कर सिंचाई योजनाओं के लिए जमीन देने को लोगों को राजी करेंगे स्वयंसेवी संगठन संवाददाता, पटना जल संसाधन विभाग […]
सिंचाई योजनाओं का भूमि संकट दूर करने के लिए एनजीओ की मदद लेगा जल संसाधन विभाग भूमि अधिग्रहण न होने से आठ जिलों में अटका है लघु व मध्यम सिंताई योजना का काम गांव-पंचायतों में कैंप कर सिंचाई योजनाओं के लिए जमीन देने को लोगों को राजी करेंगे स्वयंसेवी संगठन संवाददाता, पटना जल संसाधन विभाग सिंचाई योजनाअों को भूमि संकट की समस्या के निदान के लिए स्वयंसेवी संगठनों की मदद लोगा. जिलों और पंचायतों में भूमि अधिग्रहण न होने के कारण आठ जिलों में लघु व मध्यम सिंचाईं की कई योजनाओं का काम अधर में लटका है. जल संसाधन विभाग लघु व मध्यम सिचाई योजनाओं के लिए किसानों के भूमि मुहैय्या कराने को राजी करेगा. बिहार के अरवल, शेखपुरा, जहानाबाद, मुंगेर, सीवान, बक्सर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर और बांका में 43 लघु व मध्यम सिंचाईं परियोजिनाओं का काम शुरु भी नहीं हो पाया है. पिछले हफ्ते हुई विभागीय समीक्षा बैठक में जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने इस पर गहरी चिंता जताया थी. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को भूमि अधिग्रहण के लिए एनजीओं की मदद लेने का सुझाव दिया था. अब जा कर विभाग ने मंत्री के सुझावों पर अमल करना शुरू किया है. आठों जिलों के अभियंता प्रमुखों ने भूमि अधिग्रहण के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं को आमंत्रीत किया है. आठों जिलों में लघु व मध्यम सिंचाई योजनाओं का काम न होने के कारण 1.02 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है. स्वयंसेवी संस्थाएं भूमि मुहैय्या कराने के लिए आठों जिलों में लोगों के कन्विंस करेगी.