वर्ष 2015 का ज्ञानपीठ पुरस्कार गुजराती लेखक रघुवीर चौधरी को
वर्ष 2015 का ज्ञानपीठ पुरस्कार गुजराती लेखक रघुवीर चौधरी को नयी दिल्ली : वर्ष 2015 के लिए साहित्य क्षेत्र का प्रतिष्ठित भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार जाने माने गुजराती साहित्यकार रघुवीर चौधरी को दिया जायेगा. मंगलवार को ज्ञानपीठ चयन बोर्ड ने 51वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चौधरी के नाम पर मुहर लगायी. इस बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ […]
वर्ष 2015 का ज्ञानपीठ पुरस्कार गुजराती लेखक रघुवीर चौधरी को नयी दिल्ली : वर्ष 2015 के लिए साहित्य क्षेत्र का प्रतिष्ठित भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार जाने माने गुजराती साहित्यकार रघुवीर चौधरी को दिया जायेगा. मंगलवार को ज्ञानपीठ चयन बोर्ड ने 51वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चौधरी के नाम पर मुहर लगायी. इस बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्य आलोचक नामवर सिंह ने की. गुजराती के प्रतिष्ठित उपन्यासकार गांधीवादी चौधरी का जन्म वर्ष 1938 में हुआ. उन्होंने कविता, नाटक जैसी अन्य साहित्यिक विधाओं में भी महत्वपूर्ण लेखन किया है. उनके साहित्य सृजन पर गोवर्धनराम त्रिपाठी, काका कालेलकर, सुरेश जोशी, प्रो रामदरश मिश्रा और प्रो जीएन डिकी का प्रभाव दिखायी देता है. वह कई पत्र-पत्रिकाओं से स्तंभकार के रूप में भी जुड़े रहे हैं. वर्ष 1977 में उनकी कृति ‘उप्रवास कथात्रयी’ के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. चौधरी से पहले गुजराती में यह पुरस्कार 1967 में उमा शंकर जोशी, 1985 में पन्नालाल पटेल और वर्ष 2001 में राजेंद्र शाह को दिया गया था. वर्ष 2014 का ज्ञानपीठ पुरस्कार मराठी साहित्यकार भालचंद्र नेमाडे को मिला था. पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयाली साहित्यकार जी शंकर कुरूप को 1965 में दिया गया था.भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा वार्षिक आधार पर दिया जानेवाला यह पुरस्कार संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्णित 22 भारतीय भाषाओं में लेखन कार्य करने वाले साहित्यकार को उसके जीवन भर के साहित्यिक योगदान को देखते हुए दिया जाता है.इसके तहत साहित्यकारों को नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति पत्र और सरस्वती की प्रतिमा दी जाती है.