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नौकरी छोड़ डेयरी फॉर्म को बनाया कैरियर – फ्लायर

नौकरी छोड़ डेयरी फॉर्म को बनाया कैरियर – फ्लायर2004 में बीए करने के बाद दुबई में पाइप फिटर का कर रहा था कामसाढ़े तीन लाख की लागत से गाय व बकरी फॉर्म खोल कर प्रतिमाह 30 हजार रुपये का करता है बचतइलाके के युवाओं के लिए बना प्रेरणा का स्रोत, 14 युवकों का जुड़ा है […]

नौकरी छोड़ डेयरी फॉर्म को बनाया कैरियर – फ्लायर2004 में बीए करने के बाद दुबई में पाइप फिटर का कर रहा था कामसाढ़े तीन लाख की लागत से गाय व बकरी फॉर्म खोल कर प्रतिमाह 30 हजार रुपये का करता है बचतइलाके के युवाओं के लिए बना प्रेरणा का स्रोत, 14 युवकों का जुड़ा है रोजगारफोटो- 14 – गाय को चारा खिलाते आनंदसंडे खास हथुआकुछ कर गुजरने की तमन्ना लिये सेमरांव पंचायत के पकड़ी गांव के आनंद तिवारी ने विदेश से नौकरी छोड़ गांव में डेयरी फॉर्म खोल कर अपना कैरियर बना लिया. इस डेयरी फार्म से वह प्रतिमाह 30 हजार रुपये की बचत कर लेता है. अपने फार्म में उसने 14 अन्य युवकों को रोजगार भी दिया है. प्रतिमाह की आमदनी 10-15 हजार रुपये है. इलाके के युवाओं के लिए आज यह युवक नजीर बन गया है. घर में ढृढ़ इच्छाशक्ति हो तो तकदीर को संवारा जा सकता है. इसने इलाके के लोगों में अपनी पहचान भी बनायी है. महज सात गायों से शुरू किया था फार्म 2004 में गोपेश्वर कॉलेज, हथुआ से बीए की परीक्षा पास कर दुबई की टेक्नो मेटल कंपनी में पाइप फिटर का काम करता था. 11 साल नौकरी करने के बाद उसने गांव में रोजगार करने का मन बनाया. मई, 2015 में विदेश से नौकरी छोड़ वह गांव चला आया. 11 साल की कमाई के कुल साढ़े तीन लाख बचे हुए रुपये से उसने डेयरी फॉर्म खोल दिया. उसने इस काम में अपने छोटे भाई व एक मजदूर को लगाया है. आनंद ने दूध की सप्लाइ व बाजार से गायों के दाने की व्यवस्था में रहता है. डेयरी फार्म की शुरुआत सात गायों से की. वह बताता है कि एक गाय की कीमत 50 से 55 हजार रुपये है. एक गाय प्रतिदिन 12 से 15 लीटर दूध देती है. फिलहाल चार गाय दूध देती है. दूध को हथुआ व मीरगंज की मिठाई दुकानों में सप्लाइ देता है. दूध से कुल आय 70 हजार रुपये होता है. इसमें वह 30 हजार रुपये की बचत कर लेता है. गाय को चारा में चना, घास, बरसीन, भूसा, चोकर आदि खिलाता है. डेयरी की कमाई से 20 बकरियों को खरीदातीन माह की डेयरी की कमाई से आनंद ने अब बकरी का डेयरी फार्म खोल लिया है. हालांकि बकरियां अभी दूध नहीं दे रही हैं. आनंद बताते हैं कि मार्च से बकरियां भी दूध देने लगेंगी. राजस्थानी बकरी उसके डेयरी फार्म में है, जो यूपी के तमकुही राज से 160 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद कर लायी गयी हैं. एक बकरी का वजन 5 से 10 किलो के बीच है. राजस्थानी प्रजाति की बकरियों के तेजी से बढ़ने का ग्रोथ होता है. एक बकरी प्रति दिन आठ लीटर तक दूध देती है. चार वर्षों तक दूध देने के बाद बकरियों का वजन लगभग 40 किलो का हो जाता है और वह दूध देना बंद कर देती है. उस स्थिति में बकरी को बेच दिया जाता है, जिसकी कीमत पांच हजार रुपये की होती है.

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