स्वास्थ्य मंत्री के गांव का अस्पताल बीमार
स्वास्थ्य मंत्री के गांव का अस्पताल बीमार.. शौचालय में उगे जंगल-झाड़, विषैले कीड़ों ने बनाया डेरा .. जानवरों का बसेरा बना फुलवरिया रेफरल अस्पताल .. दवाओं की नहीं है व्यवस्था, बीमार लोगों का बढ़ रहा मर्ज फोटो – 16 – फुलवरिया रेफरल अस्पताल में बेकार हो चुका पेशाबघरसंवाददाता, फुलवरिया फुलवरिया रेफरल अस्पताल इन दिनों भगवान […]
स्वास्थ्य मंत्री के गांव का अस्पताल बीमार.. शौचालय में उगे जंगल-झाड़, विषैले कीड़ों ने बनाया डेरा .. जानवरों का बसेरा बना फुलवरिया रेफरल अस्पताल .. दवाओं की नहीं है व्यवस्था, बीमार लोगों का बढ़ रहा मर्ज फोटो – 16 – फुलवरिया रेफरल अस्पताल में बेकार हो चुका पेशाबघरसंवाददाता, फुलवरिया फुलवरिया रेफरल अस्पताल इन दिनों भगवान भरोसे है. यह अस्पताल खुद स्वास्थ्य मंत्री के गांव का है. जब मंत्री जी के गांव के अस्पताल की दुर्दशा है, तो सूबे अन्य अस्पतालों की क्या दशा होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. फुलवरिया रेफरल अस्पताल का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने किया था. जब लालू मुख्यमंत्री बने, तो फुलवरिया को प्रखंड, थाना, रेफरल अस्पताल सहित कई सुविधाएं मिलीं. जब उन्होंने भारत सरकार के रेल मंत्रालय का कार्य संभाला, तो फुलवरिया से होकर ट्रेन भी गुजरने लगी. लेकिन, आज हालात ऐसे हैं कि जब उनके पुत्र बिहार के स्वास्थ्य मंत्रालय को संभाल रहे हैं, तो ऐसे में खुद उनके गांव का अस्पताल ही बीमार है. फुलवरिया रेफरल अस्पताल आवारा जानवरों का अड्डा बन गया है. हालात ऐसे हैं कि आनेवाले मरीज हमेशा अस्पताल में फैली गंदगी को देख कर परेशान रहते हैं. अस्पताल में मरीजों के लिए बना शौचालय जंगल-झाड़ से ढक चुका है. आलम यह है कि शौचालय में जंगली व विषैले जानवरों का बसेरा है. अस्पताल परिसर में फैली गंदगी यह बताने के लिए काफी है कि यहां कितनी सफाई होती होगी. मरीजों के बेड पर कभी चादर नहीं दिखती और-तो-और कभी मरीजों को नाश्ता या चाय भी नहीं मिली. इस अस्पताल में दवाओं का घोर अभाव है. बुखार तक की दवा यहां उपलब्ध नहीं है. एंटी रैबीज वैक्सीन की उपलब्धता काफी दिनों से नहीं है. इसके कारण मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है. ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2005 तक इस अस्पताल की सारी व्यवस्थाएं काफी सुदृढ़ थीं, लेकिन समय के साथ अस्पताल की दुर्दशा होती चली गयी. इस संबंध में रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उपेंद्र सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.