गोपालगंज : उचकागांव प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय, साथी की शिक्षिका आशिया जफर पिछले ढाई वर्षों से लगातार प्रतिनियोजन में है. इसका खुलासा तब हुआ, जब डीइओ विद्यालयों के औचक निरीक्षण में निकले. शिक्षिका का प्रतिनियोजन बीइओ द्वारा किया गया है. प्रतिनियोजन की जांच शुरू हुई,
तो चौंकानेवाला तथ्य सामने आया. बीइओ द्वारा अपने स्तर से ढाई वर्षों में छह बार प्रतिनियोजित किया गया है. कभी प्रखंड क्षेत्र के विद्यालयों में, तो कभी अपने ही कार्यालय बीआरसी में. जांच के दौरान शिक्षिका का प्रतिनियोजन राजकीय प्राथमिक मकतब, आसंदापुर में किया गया है, जबकि प्रतिनियोजनवाले विद्यालय में भी शिक्षिका उपस्थित नहीं थी. वरीय अधिकारियों का यह भी मानना है कि शिक्षिका बीइओ की चहेता होने का लाभ उठा रही है. विभागीय सूत्र तो यह भी बताते हैं कि शिक्षिका दरभंगा प्रमंडल की रहनेवाली है.
डीपीओ ने दिया था प्रतिनियोजन रद्द करने का आदेश : बीइओ को शिक्षिका आशिया जफर का प्रतिनियोजन रद्द करने का निर्देश तत्कालीन डीपीओ स्थापना द्वारा दिया गया था. लेकिन, बीइओ द्वारा शिक्षिका का प्रतिनियोजन रद्द करने के बजाये पुन: छह अक्तूबर, 2015 को अपने कार्यालय में प्रतिनियोजन कर लिया गया.
जांच में पांच मामले आये सामने :उचकागांव प्रखंड में जांच के दौरान प्रतिनियोजन के पांच मामले सामने आये, जिनमें प्राथमिक विद्यालय, मीरगंज हरिजन टोली की शिक्षिका नजमा आरा का प्रतिनियोजन प्राथमिक विद्यालय गुरमहा में किया गया है.
जबकि गुरमहा की शिक्षिका किरण कुमारी का प्रतिनियोजन प्राथमिक विद्यालय, त्रिलोकपुर में किया गया है. वहीं, त्रिलोकपुर की शिक्षिका कुमारी शशिकला का प्रतिनियोजन उत्क्रमित मध्य विद्यालय, राजापुर में किया गया है. शिक्षकों के बड़े पैमाने पर हुए प्रतिनियोजन पर डीइओ ने नाराजगी जतायी है.
कार्रवाई के लिए निदेशक को भेजा पत्र
बीइओ उचकागांव की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए डीइओ अशोक कुमार ने निदेशक सामान्य प्रशासन एवं सचिव शिक्षा विभाग को पत्र भेजा है, जिसमें कार्रवाई किये जाने की अनुशंसा की है. उन्होंने कहा है कि शिक्षकों का प्रतिनियोजन विभाग और वरीय अधिकारी दोनों के आदेश की अवहेलना है.