संजय कुमार अभय
गोपालगंज : बालू पर प्रतिबंध लगाने का असर साफ दिखने लगा है. गोपालगंज के बंजारी स्थित बालू मंडी में सन्नाटा पसर गया है, जहां प्रतिदिन 100-150 ट्रक बालू की खपत होता थी, आज एक भी ट्रक बालू नहीं आया.
बालू नहीं आने से जिले में 5067 करोड़ की सरकारी योजनाओं पर जहां ग्रहण लगता नजर आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ घर बनाना भी मुश्किल हो गया है. गुरुवार को महज तीन ट्रक बालू बंजारी स्थित बालू मंडी में चोरी-छिपे पहुंचा, जो मुंहमांगी रकम यानी 3600 के बदले 15800 रुपये ट्रक तक बिका. गोपालगंज के डीएम राहुल कुमार ने भी बालू के खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. प्रशासन के अधिकारी खनन पर नजर रख रहे हैं. बालू लदा ट्रक पकड़े जाने पर मोटी रकम फाइन हो रही है.
इससे ट्रक संचालकों में पकड़े जाने का भय है. वैसे जिले के निर्माण कार्यों पर नजर डालें, तो गंडक नदी पर बनाये जा रहे तीन महासेतु, सर्व शिक्षा अभियान के तहत बनाये जा रहे स्कूल, प्रखंड कार्यालय, थाना भवन, गंडक नहर का निर्माण, पीसीसी सड़कों के निर्माण पर ग्रहण लगता दिख रहा है. एक सप्ताह तक प्रतिबंध रहा, तो निर्माण कार्य ठप हो जायेंगे. इसकी चिंता आज से ही निर्माण कार्य एजेंसियों को सताने लगी है. अब सरकार के अगले निर्णय पर उम्मीद लगी हुई है.बड़ी निर्माण एजेंसियों के स्टॉक की जब पड़ताल की गयी, तो स्पष्ट हुआ कि उनके पास भी महज 8-10 दिनों तक काम करने भर बालू बचे हैं. इसके बाद निर्माण कार्य स्वत: ठप हो जायेगा, जबकि छोटी एजेंसियों के पास 3-4 दिनों तक का काम करने भर बालू बचा है. महज आठ फीसदी निर्माण एजेंसियों के पास काम पूरा कराने तक बालू स्टॉक में है.
बालू के अभाव में लौट गये पांच सौ मजदूर : बंजारी स्थित बालू मंडी में काम करनेवाले लगभग दो सौ मजदूरों को ट्रक नहीं आने से वापस लौटना पड़ा. वहीं, दूसरी तरफ शहर के जादोपुर स्थित दुर्गा मंदिर के आगे प्रतिदिन की तरह काम की तलाश में पहुंचे लगभग तीन सौ राजमिस्त्री और मजदूरों को काम नहीं मिला, उन्हें वापस घर लौटना पड़ा. बालू पर प्रतिबंध ने उनकी रोटी छिन ली है.
क्या कहते हैं निर्माण कंपनी
बालू पर प्रतिबंध लगेगा, इसकी हमलोगों ने कल्पना तक नहीं की थी. बालू पर प्रतिबंध से पूरी तरह से निर्माण कार्य अगले एक सप्ताह में बंद हो जायेगा. विकास कार्य ठप हो जायेंगे. लोगों का घर भी बनाना बंद हो जायेगा. इसमें सरकार को तत्काल पहल करनी होगी.
ब्रजकिशोर नारायण सिंह, निदेशक, वैभव कंस्ट्रक्शन, गोपालगंज
क्या कहते हैं अधिकारी
बालू अगर नहीं मिला, तो निर्माण कहां से होगा. आरसीसी से लेकर दीवार, छत, सड़क निर्माण में बालू की जरूरत है. प्रतिबंध पर अगला रूख क्या होता है, इसका इंतजार किया जा रहा है.
सुनील चौधरी, कार्यपालक अभियंता, गोपालगंज