न मूत्रालय बना, न शौचालय की संख्या बढ़ी

कैसे मिले गंदगी से निजात गोपालगंज : हर तरफ स्वच्छता अभियान के लिए हुंकार भरा जा रहा है. लेकिन, यहां तो शहर का नजारा ही कुछ अलग है. हालात यह है कि चौक-चौराहे पर फैले कचरे जहां वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं, वहीं सड़कों का किनारा और सरकारी बिल्डिंगों की दीवार की आड़ शौच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2016 5:03 AM

कैसे मिले गंदगी से निजात

गोपालगंज : हर तरफ स्वच्छता अभियान के लिए हुंकार भरा जा रहा है. लेकिन, यहां तो शहर का नजारा ही कुछ अलग है. हालात यह है कि चौक-चौराहे पर फैले कचरे जहां वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं, वहीं सड़कों का किनारा और सरकारी बिल्डिंगों की दीवार की आड़ शौच और पेशाब की जगह बन गयी है. समाहरणालय से लेकर मुख्य मार्ग पर गंदगी फैलाते लोगों का नजारा आसानी से देखा जा सकता है.

प्रतिदिन शहर में कचरा और मल-मूत्र से 150 से 250 घन कार्बन डाइ ऑक्साइड शहर के वातावरण में फैल रहा है. शहर की व्यवस्था पर नजर दौड़ायी जाये, तो यहां मूत्रालय और शौचालय का घोर अभाव है. आबादी के अनुसार मूत्रालय की संख्या नगण्य है. वहीं, आबादी बढ़ने के साथ शौचालय की संख्या भी नहीं बढ़ी. ऐसे में आखिर कैसे गंदगी से मुक्ति मिलेगी.

एक दिन में खत्म हुआ स्वच्छता अभियान

गंदगी पर अंकुश लगाने के लिए समाहरणालय रोड में पेशाब करनेवालों पर एक दिन का अभियान प्रशासन ने चलाया. पेशाब करनेवालों से 50 रुपये जुर्माना भी वसूला गया. लेकिन, दूसरे दिन से फिर वही स्थिति.

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