रेल बजट पर टिका है भविष्य

गोपालगंज : थावे रेल मंडल को प्रभु की कृपा का इंतजार है. रेल मंत्री की कृपा हुई तो इस बजट में थावे रेल मंडल के लिए राशि का आवंटन जरूर होगा. रेल मंडल उत्तर बिहार के लोगों का सपना बन कर रह गया है. थावे में रेल मंडल बनाये जाने से सारण-चंपारण के अलावा पूर्वी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2016 4:03 AM

गोपालगंज : थावे रेल मंडल को प्रभु की कृपा का इंतजार है. रेल मंत्री की कृपा हुई तो इस बजट में थावे रेल मंडल के लिए राशि का आवंटन जरूर होगा. रेल मंडल उत्तर बिहार के लोगों का सपना बन कर रह गया है. थावे में रेल मंडल बनाये जाने से सारण-चंपारण के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौ जिलों को सीधा फायदा होना है.

इसके अलावा बिहार के विकास में भी एक अद्भूत कदम होगा. थावे में मां सिंहासनी की शक्तिपीठ होने के कारण देश और विदेश के पर्यटकों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने एक मार्च, 2009 को थावे में डीआरएम कार्यालय बनाने का शिलान्यास किया था.

तब छपरा कचहरी से लेकर गोरखपुर सेंट्रल तक तथा बेतिया, मोतिहारी और रक्सौल को भी इस रेल प्रमंडल में शामिल किया गया था. पूर्वोत्तर रेलवे का मंडल कार्यालय वाराणसी में होने के कारण छोटे-छोटे कामों के लिए रेल कर्मी या अन्य लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता था. थावे में रेल मंडल बनाने से नेपाल से नजदीक होने तथा पर्यटन के क्षेत्र में लोगों के आने-जाने से रेलवे को काफी फायदा होने की बात कही गयी थी.

कहां फंसा है पेच : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के रेल मंत्रालय से हटते ही थावे में रेल मंडल बनाने के लिए बजट में राशि का आवंटन नहीं किया गया. पांच वर्ष तक कांग्रेस नीत सरकार ने थावे रेल मंडल को खटाई में डाल रखा. जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी, तो थावे रेल मंडल के लिए एक टीम का गठन किया गया. टीम ने 2015 में थावे रेल मंडल को अनुपयोगी करार दे दिया.
सांसद ने किया प्रयास : थावे में रेल मंडल बनाना अब सांसद के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. सांसद जनक राम रेल मंत्री से मिल कर रेल मंडल के लिए राशि का आवंटन करने अपील कर चुके हैं. सांसद को भरोसा है कि इस बजट में सरकार जरूर विचार करेगी. सांसद ने बताया कि थावे में रेल मंडल के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा हूं.

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