बांध से हटाये जायेंगे कटावपीड़ित

तटबंध की मरम्मत को लेकर विभाग का आदेश गरीबों पर भारी गोपालगंज : गंडक नदी के कटाव से विस्थापित होकर विशुनपुर तटबंध पर बसे पांच सौ से अधिक परिवारों को फिर से उजड़ने का खतरा मंडराने लगा है. कटावपीड़ितों को बांध खाली करने का आदेश बाढ़ नियंत्रण विभाग ने दिया है. सर्वाधिक महादलित और दलित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2016 11:24 PM
तटबंध की मरम्मत को लेकर विभाग का आदेश गरीबों पर भारी
गोपालगंज : गंडक नदी के कटाव से विस्थापित होकर विशुनपुर तटबंध पर बसे पांच सौ से अधिक परिवारों को फिर से उजड़ने का खतरा मंडराने लगा है. कटावपीड़ितों को बांध खाली करने का आदेश बाढ़ नियंत्रण विभाग ने दिया है. सर्वाधिक महादलित और दलित कटावपीड़ित इस बांध के किनारे शरण लिये हुए हैं. इस बांध की मरम्मत के लिए जल संसाधन विभाग ने 1.20 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. इस राशि से पतहरा से लेकर विशुनपुर तटबंध को मजबूत किया जायेगा.
कटाव से बचाव के लिए तटबंध की मरम्मत जरूरी है. यहां कटावपीड़ित परिवार झोंपड़ी डाल कर किसी तरह मजदूरी कर अपना काम चलाते हैं. इनको बसाने के लिए सरकारी योजना फाइलों में दम तोड़ रही है. आज तक इन्हें बसने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इन पर संकट उत्पन्न हो गया है. डीएम के जनता दरबार में पिछले गुरुवार को कटावपीड़ित लोगों ने अपनी पीड़ा डीएम से सुनायी थी.
डीएम ने तत्काल उन्हें नहीं हटाने का आश्वासन दिया. फिर भी बुधवार की रात कुछ ठेकेदार और सफेदपोश लोगों ने इन्हें तटबंध खाली करने का फरमान जारी किया है. उधर, सामाजिक कार्यकर्ता संजय मिश्रा पीड़ितों के लिए मुकम्मल व्यवस्था करने के लिए प्रशासन के अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहे हैं.
क्या कहते हैं अभियंता
बांध की मरम्मत का काम शुरू हो गया है. कटावपीड़ित लोगों से सहयोग की अपील की गयी है. तटबंध की मरम्मत का काम पूरा होने पर पुन: अपना घर बना सकते हैं. हालांकि प्रभारी मंत्री की बैठक में भी यह मामला सामने आया था, जिस पर उन लोगों को स्थायी बसाने के लिए निर्देश दिया गया है.
शरद कुमार, कार्यपालक अभियंता, गोपालगंज
विधायक ने उठाया सवाल
प्रभारी मंत्री शिवचंद्र राम की समीक्षा बैठक के दौरान विधायक सुबास सिंह ने कटावपीड़ितों का मामला उठाया. विधायक ने उनकी दुर्दशा का जिक्र करते हुए तत्काल प्रभाव से स्थायी व्यवस्था करने की बात कही है. इस पर मंत्री ने भी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जब तक उन्हें स्थायी व्यवस्था न हो तब तक न हटाया जाये.

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