जीवन जीने की कला सिखा गया

प्राणायाम के अनछुए पहलुओं को सरलता से लोग अपने जीवन में उतार रहे थे. हर क्षण एक नया जोश भरने का काम कर रहा था. लोग जीने की कला को बड़ी सहजता प्राणायाम के जरिये पाकर आनंदित हो उठे. गोपालगंज : ज स्टेडियम में पिछले तीन दिनों से चल रहे सुबह-ए-गोपालगंज के अंतिम दिन रविवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 29, 2016 7:53 AM
प्राणायाम के अनछुए पहलुओं को सरलता से लोग अपने जीवन में उतार रहे थे. हर क्षण एक नया जोश भरने का काम कर रहा था. लोग जीने की कला को बड़ी सहजता प्राणायाम के जरिये पाकर आनंदित हो उठे.
गोपालगंज : ज स्टेडियम में पिछले तीन दिनों से चल रहे सुबह-ए-गोपालगंज के अंतिम दिन रविवार को सूर्य की लालिमा के साथ देव वाणी से माहौल दिव्य बना हुआ था. प्राणायाम के अनछुए पहलुओं को सरलता से लोग अपने जीवन में उतार रहे थे. हर क्षण एक नया जोश भरने का काम कर रहा था. लोग जीने की कला को बड़ी सहजता प्राणायाम के जरिये पाकर आनंदित हो उठे. काशी की धरती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सुबह-ए- बनारस शुरू करानेवाले योग ऋषि पं विजय प्रकाश मिश्र ने लोगों को प्राणायाम के जरिये घातक बीमारियों को भी दूर करने के बारे में जानकारी दी. योग ऋषि ने कहा कि भाग-दौड़ के जीवन में प्राणायाम शामिल करने का तरीका बता कर स्वस्थ रहने के गुर सिखे.
उन्होंने लोगों से अपने घर में प्रतिदिन आधा घंटा प्राणायाम करने की अपील की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डीडीसी दयानंद मिश्र ने कहा कि सुबह -ए- गोपालगंज का आयोजन इस छोटी सी जगह में अपने आप में अद्भुत है. मैं अगली बार से सुबह-ए-गोपालगंज एक सप्ताह का कराने की अपील योग ऋषि जी से करता हूं. इस मौके पर पूर्व सांसद काली प्रसाद पांडेय ने कहा कि गोपालगंज की धरती पर योग ऋषि का सानिध्य पाकर हम सभी अपने को धन्य हो गये हैं.

Next Article

Exit mobile version