‘भारत माता की जय” से इनकार को लेकर ओवैसी के खिलाफ परिवाद पत्र दायर

पटना-बक्सर-गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज और बक्सर जिलों की अलग-अलग अदालतों में ‘भारत माता की जय’ से इनकार को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ आज अलग-अलग परिवाद पत्र दायर किये गये हैं. बक्सर जिला के स्थानीय व्यवहार न्यायालय में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हरिशंकर प्रसाद की अदालत में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्थानीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2016 3:33 PM

पटना-बक्सर-गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज और बक्सर जिलों की अलग-अलग अदालतों में ‘भारत माता की जय’ से इनकार को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ आज अलग-अलग परिवाद पत्र दायर किये गये हैं. बक्सर जिला के स्थानीय व्यवहार न्यायालय में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हरिशंकर प्रसाद की अदालत में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्थानीय नेता रामजी सिंह ने अपने वकील उमाशंकर सिंह के जरिए ओवैसी के विरुद्ध आज भादवि की धारा 124 ए जो कि देशद्रोह से संबंधित है, के तहत एक परिवाद पत्र दायर किया जिसमें उन्होंने एआईएमआईएम सांसद के महाराष्ट्र में दिये गये दो विवादास्पद बयान का सीडी सौंपा है.

गोपालगंज जिला स्थित व्यवहार न्यायालय में मो0 कुर्बान अंसारी :48: ने ओवैसी पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आज एक परिवाद पत्र दायर किया.गोपालगंज थाना अंतर्गत एकतेरवा गांव निवासी ने आरोप लगाया है कि कल जब वे अपनी मां रसिदन खातून :78: के साथ घर में बैठकर टीवी देख रहे थे तभी ओवैसी का भाषण दिखाया जाने लगा. उन्होंने अपने परिवाद पत्र में कहा है कि भाषण में ओवैसी को यह बोलते हुए सुनने पर कि गर्दन पर सैकड़ों बार छुरियां चल जाये तब भी भारत माता की जय नहीं बोलूंगा, उनकी मां सदमें से मूर्छित हो गयीं.

अंसारी ने ओवैसी पर इरादतन ऐसा करने का आरोप लगाते हुए इसे संज्ञेय अपराध बताया है. इस बीच भाजपा ने आज बिहार विधानसभा में ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए और स्वास्थ्य मंत्री के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए अनुपस्थित रहने पर सदन के वेषम में आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने के साथ ‘भारत माता की जय’ के भी नारे लगाये. बाद में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपने को देशभक्त बताते हुए राष्ट्रीय नारों को दोहराने में हम गर्व महसूस करते हैं.

उन्होंने ओवैसी का नाम लिए बिना ‘पाकिस्तान के प्रति झुकाव’ रखने वाले लोगों के कारण नागरिकों की राष्ट्रीयता के भाव विवाद ठेस पहुंचने से विवाद उत्पन्न हुआ है और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

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