कटेया : गौरा मंदिर के परिसर में आयोजित गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ ने इलाके के माहौल को बदल दिया है. सामाजिक बुराइयों को यज्ञ से बदलने के प्रयास ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है. इलाके के कई परिवारों का दिनचर्या बदल गयी है. उनके विचारों में भी परिवर्तन दिख रहा है.
यज्ञ का असर है कि घर में बिना पूजा-पाठ का कोई भोजन नहीं कर रहा. बता दें कि यज्ञ का शुभारंभ गौरा समेत कई मठों के संत स्वामी विशंभरदासजी महाराज ने गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ का शुभारंभ 10 मार्च से किये. यज्ञ में अयोध्या से स्वामी रामानंदाचार्य के अलावा कई संत और विद्वत समाज से लोग पहुंचे. प्रवचन के अलावा गायत्री यज्ञ कराने के लिए आचार्य चंद्रभान मिश्र, काशी से डॉ पंकज शुक्ला, वरुण मिश्र, चंद्र शेखर द्विवेदी, मुरलीधर मिश्र, हरेंद्र पांडेय, घनश्याम मिश्र,
ललन मिश्र, शत्रुघ्न शुक्ल, धर्मेंद्र शुक्ल, वशिष्ठ मिश्र के वेद मंत्रों से यज्ञ ने पूरे माहौल को बदल डाला. जबकि सर्वेश्वर दास ब्रम्हचारी, अर्धेंदु बाबू आदि की भूमिका प्रमुख रही.इलाके अलावा रिटायर कस्टम अधीक्षक रवींद्र नाथ पांडेय, सुरेंद्र पांडेय, शिक्षक कैलाशपति मिश्र, विजय शंकर पांडेय, विश्वनाथ भगत, बृजकिशोर सिंह, रवि प्रकाश मणि त्रिपाठी, नरेंद्र तिवारी, गृस तिवारी, कोठारी बृज लाल, मार्कंडेय राय शर्मा, कौशल तिवारी, श्रीपति उपाध्याय, हरेराम मिश्र आदि की भूमिका काफी सराहनीय रही.