मयखाने की तलाश में यूपी चले बहके कदम

मयखाने की तलाश में यूपी चले बहके कदम भोरे. बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लेकर कहीं खुशी, कहीं गम का माहौल है. ऐसे में जहां महिला वर्ग में काफी खुशी देखी जा रही है, तो वहीं छोटे व्यवसायी वर्ग में रोटी के लाले भी पड़े हैं. वैसे भोरे प्रखंड में इस शराबबंदी का अच्छा खासा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2016 8:00 PM

मयखाने की तलाश में यूपी चले बहके कदम भोरे. बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लेकर कहीं खुशी, कहीं गम का माहौल है. ऐसे में जहां महिला वर्ग में काफी खुशी देखी जा रही है, तो वहीं छोटे व्यवसायी वर्ग में रोटी के लाले भी पड़े हैं. वैसे भोरे प्रखंड में इस शराबबंदी का अच्छा खासा असर देखने को मिल रहा. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में जाम टकरानेवाले युवा यूपी में मयखाने की ओर जा रहे हैं. ऐसे में अभी भी पियक्कड़ों को कोई खास असर नहीं हुआ है. बता दें कि भोरे प्रखंड यूपी की सीमा से सटा है, जिसके कारण युवाओं के कदम यूपी की ओर बढ़ने लगे हैं. एक तरफ बिहार सरकार ने सूबे में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की है, तो यूपी में सरकार ने शराब की कीमतें घटा दी हैं. इसके कारण सीमा पर के पियक्कड़ों पर कोई खास असर नहीं देखने को मिल रहा है. दूसरी तरफ अगर रोजगार की बात करें तो पूर्ण शराबबंदी के कारण कई ऐसे छोटे व्यवसायी हैं, जिनका रोजगार समाप्त हो गया है. यहां बताना आवश्यक है कि भोरे प्रखंड में कुल दस शराब की दुकानें संचालित थीं. इन दुकानों के आसपास लगभग दर्जन भर ठेले वालों का रोजगार चलता था, लेकिन दुकानों के बंद हो जाने से उनके सामने रोटी के लाले पड़े हैं. शराबबंदी से सबसे ज्यादा असर होटलों पर पड़ा है.

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