76 घाटों से बालू उड़ाही शुरू, शीघ्र ही चार दर्जन और घाटों से होगी उड़ाही : मुक्तेश्वर चौधरी
76 घाटों से बालू उड़ाही शुरू, शीघ्र ही चार दर्जन और घाटों से होगी उड़ाही : मुक्तेश्वर चौधरी बालू उड़ाही संकट को ले कर सूबे में नाहक का भ्रम फैलाया जा रहा है50 हेक्टेेयर की सीमा क्षेत्र वाले घाटों से भी उड़ाही हेतु प्राधिकरण में किया गया है अप्लाई 742 रुपये प्रति सौ घन फुट […]
76 घाटों से बालू उड़ाही शुरू, शीघ्र ही चार दर्जन और घाटों से होगी उड़ाही : मुक्तेश्वर चौधरी बालू उड़ाही संकट को ले कर सूबे में नाहक का भ्रम फैलाया जा रहा है50 हेक्टेेयर की सीमा क्षेत्र वाले घाटों से भी उड़ाही हेतु प्राधिकरण में किया गया है अप्लाई 742 रुपये प्रति सौ घन फुट की सरकारी दर पर ही हो बालू बिक्री, इसका हो रहा प्रबंध 29 बड़े बालू उड़ाही केंद्रों को भी चालू कराने का प्रयास कर रहा है खान-भूतत्व विभागसंवाददाता, पटना पाॅल्यूशन क्लियरेंस जैसे-जैसे मिल रहे हैं, वैसे-वैसे बालू घाटों से उड़ाही का काम शुरू हो रहा है. अब-तक सूबे के 76 घाटों से बालू की उड़ाही का काम शुरू हो गया है. पॉल्यूशन क्लियरेंस मिलते ही तीन-चार दिनों में पांच और घाटों से बालू उड़ाही का काम शुरू हो जायेगा. बालू संकट को ले कर उक्त बातें शुक्रवार को खान-भूतत्व मंत्री मुक्तेश्वर चौधरी ने कही. वे विभागीय कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि बालू उड़ाही को ले कर सूबे में नाहक का भ्रम फैलाया जा रहा है. बालू संकट को दूर करने के लिए घाटों की स्वीकृति लगातार मिल रही है. उन्होंने बताया कि पर्यावरण समाधान निर्धारण प्राधिकरण 25 हेक्टेयर की सीमा वाले घाटों को हर हफ्ते स्वीकृति दे रहा है. अब-तक प्राधिकरण ने 81 घाटों से बालू उड़ाही की स्वीकृति दी है. उनमें 76 को पॉल्यूशन क्लियरेंस और जिलाधिकारियों द्वारा उन्हें ऑपरेट करने की स्वीकृति भी दे दी गयी है. बांका और अरवल के पांच घाटों से भी बालू उड़ाही की जल्द ही स्वीकृति मिल जायेगी. उन्होंने बताया कि 25 से 50 हेक्टेेयर की सीमा क्षेत्र वाले घाटों से भी बालू उड़ाही हेतु पर्यावरण समाधान निर्धारण प्राधिकरण में अप्लाई किया गया है. उन्होंने स्वीकार किया कि संकट के दौर में बालू की कीमतों में कई गुनी व़ृद्धि हुई है. सरकारी दर 742 रुपये प्रति सौ घन फुट ही है. जिलों के खनन पदाधिकारियों को सरकारी दर पर बालू बिक्री कराने को कहा गया है. उन्होंने माना कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पर्यावरण समाधान निर्धारण प्राधिकरण द्वारा 19 जनवरी से प्रमुख 29 घाटों को बैन किये जाने से बालू संकट गहरा गया है. लोगों में सोन-कोईलवर के बालू की ही सर्वाधिक डिमांड है. खान-भूतत्व विभाग 29 बड़े बालू उड़ाही केंद्रों को भी चालू कराने का प्रयास कर रहा है. बड़े पर्यावरण समाधान निर्धारण प्राधिकरण बालू उड़ाही केंद्रों के संवेदकों को शीघ्र ही पॉल्यूशन क्लियरेंस लेने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि खान-भूतत्व विभाग वर्ष 2015-16 में शत-प्रतिशत राजस्व वसूली करने में सफल रहा है. विभाग ने एक हजार करोड़ की राजस्व वसूली का पर्यावरण समाधान निर्धारण प्राधिकरण टारगेट फिक्स किया था, अब-तक 939 करोड़ विभाग के खाते में आ चुके हैं, शेष राशि भी एक पखवारे में खाते में डिपाजिट हो जायेगी.