शराब पी कर चलायी बाइक, हुआ एक्सीडेंट, एक पांव को काटना पड़ा

शराब पी कर चलायी बाइक, हुआ एक्सीडेंट, एक पांव को काटना पड़ा कई बार नशा में जिंदगी तक दांव पर लग जाती है. शराब के नशे में एक्सीडेंट होना तो आम बात है. कई बार एक्सीडेंट में जान तो बच जाती है, लेकिन अपाहिज बन कर रह जाते हैं. अभी तक आपने ऐसे लोगों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 12:00 AM

शराब पी कर चलायी बाइक, हुआ एक्सीडेंट, एक पांव को काटना पड़ा कई बार नशा में जिंदगी तक दांव पर लग जाती है. शराब के नशे में एक्सीडेंट होना तो आम बात है. कई बार एक्सीडेंट में जान तो बच जाती है, लेकिन अपाहिज बन कर रह जाते हैं. अभी तक आपने ऐसे लोगों की कहानी पढ़ी, जिसके शराब पीने के कारण परिवार की परेशानी बढ़ी. फिर शराब पीना छोड़ा. अपनी जिंदगी को नये सिरे से शुरू किया. लेकिन आज हम ऐसे शख्स की कहानी पढ़ेंगे, जिन्होंने शराब के नशे में गाड़ी चलायी और उनका भयानक एक्सीडेंट हुआ. एक्सीडेंट के बाद जान तो बच गयी, लेकिन उन्हें अपाहिज बना कर छोड़ दिया. सुमन कुमार को दो साल पहले शराब छोड़ चुके हैं, लेकिन शराब से हुआ एक्सीडेंट उन्हें आज भी ताजा है. क्योंकि एक्सीडेंट के बाद सुमन के एक पांव को काटना पड़ा था. एक्सीडेंट के कारण छोड़ दिया शराब को मेरे परिवार वाले लाख मना किये कि मैं शराब छोड़ दूं. लेकिन मैंने उनकी बातें नहीं मानी. लेकिन एक मेजर एक्सीडेंट ने मुझे ऐसा तोड़ा कि मैं उस दिन के बाद शराब को हाथ नहीं लगाया. 25 नवंबर, 2013 की वह रात मुझे आज भी याद है. मैं पटना से हाजीपुर जा रहा था. रात के 12 बजे थे. एक दोस्त की बारात से लौट रहा था. बाइक से मैं और मेरा एक दोस्त वापस जा रहे थे. दोनों लोगों ने काफी शराब पी हुई थी. बारात में सभी लोगों ने रात में रूकने की सलाह भी दी. लेकिन मैं नहीं माना. मैं बाइक लेकर चल दिया. गांधी सेतु क्रास कर गये थे. सेतु के बाद सड़क पर डिवाइडर बने हुए हैं. मैंने बांयी ओर की जगह दांयी ओर गाड़ी को घुमा दिया. इतना नशे में था कि गलत साइड का पता नहीं चला. उधर से एक ट्रक आ रही थी. ट्रक ने ठोकर मारा और कई फुट सड़क के नीचे गिर गया. शराब का नशा तो था ही, कई घंटों तक बेहोश पड़ा रहा. सुबह जब लोगों ने देखा तो मुझे हाॅस्पिटल ले कर गये. मेरे दोनों पांव पूरी तरह फैक्चर हो गये थे. पूरी छह महीने तक दोनों ही पांव में प्लास्टर लगी रही. एक पांव रॉड लगाने से ठीक हो गया. लेकिन दूसरा पांव नहीं बच पाया. अंत में डाॅक्टर ने उसे काट कर हटा दिया. आज हाजीपुर में ही एक दुकान चला रहा हूं. उस घटना के बाद मैंने शराब छोड़ दी. मुझे लगा कि मुझे अफसोस हो, इसके लिए ही भगवान ने जीवन दान दिया है. सुमन कुमार, हाजीपुर

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