महोत्सव में बही सुर संगीत की सरिता

गोपालगंज : या देवी सर्वभूतेषु, मातृरूपेण संस्थिता, देवी नगरी में जब हिमांशु मोहन मिश्र ने देवी भजन पर अपनी तान छेड़ी, तो महफिल भक्ति में डूबती चली गयी. कभी दर्शकों ने देवी के जयकारे लगाये, तो कभी तालियां बजायीं. देवी भजन के साथ ही शनिवार की शाम थावे महोत्सव के नाम होम गार्ड के मैदान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2016 1:04 AM

गोपालगंज : या देवी सर्वभूतेषु, मातृरूपेण संस्थिता, देवी नगरी में जब हिमांशु मोहन मिश्र ने देवी भजन पर अपनी तान छेड़ी, तो महफिल भक्ति में डूबती चली गयी. कभी दर्शकों ने देवी के जयकारे लगाये, तो कभी तालियां बजायीं. देवी भजन के साथ ही शनिवार की शाम थावे महोत्सव के नाम होम गार्ड के मैदान में गूंजता रहा. मौका था महोत्सव के अंतिम विदा होती रात्रि का. ढलती शाम के साथ फनकारों की प्रस्तुति से रात भी जवां होती चली गयी.

वैसे तो कार्यक्रम 10.30 बजे समाप्त हो गया, लेकिन इस बीच ख्यातिलब्ध कलाकारों की तान से सुर – संगीत की सरिता बहती रही. भागलपुर से आये हिमांशु मोहन मिश्र ‘दीपक’ नें मेरी मां तेरी चरणों में जब गीत प्रस्तुत किया, तो जहां भक्ति की समां बंधी, वहीं बबुआ के बधइया कंगन लेब हो सोहर प्रस्तुत किया,

तो न सिर्फ हमारी पारंपरिक संस्कृति गूंजी बल्कि दर्शक भी आनंदित हो उठे. इसके बाद जिले की बेटी पल्लवी राज ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत कर लोगों को आह्लादित कर दिया. फिर अनूप कुमार ने जब ठुमरी ‘सजन प्रीत लगाके दूर न जाना’ तथा ‘याद पिया की आने लगी’ पर तान छेड़ा तो महफिल तालियों से गूंज उठी तथा दर्शक झूम उठे.

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