मीरगंज. मीरगंज के दक्षिण मुहल्ले में स्थित हजरत मीर जमाल शाह के मजार तथा मसजिद से अमन की दुआ मांगी गयी. मौलाना अब्दुल खालीद ने दुआ पढ़ाई. इस दौरान उन्होंने कहा कि मीरगंज की बुनियाद फकीर हजरत मीर जमाल शाह के नाम पर रखी गयी थी. यहां के मजार का इतिहास तीन सौ साल पुराना हैै.
तब से आज तक गंगा-जमुनी तहजीब में मीरगंज की भाईचारगी की मिसाल रही है. आज अपने ही भाई बहक कर मीरगंज के अमन पर चोट पहुंचा रहे हैं. आज जरूरत है कि अपनी पुरानी गरिमा को बचा कर सद्भावना कायम रखने की. फकीर मीर जमाल साहब ने जिस मीरगंज की कल्पना की थी, उसे बचा कर शांति और भाईचारगी को कायम किया जाये. इस मौके पर शाहिद जमाल, शौकत साहब आदि मौजूद थे.