शहर में ऐसे कई मार्केट हैं जहां अाग बुझाने के लिए बेबस हो जाते हैं लोग
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आग के आगे निकल जाता है दमकल का दम
शहर में ऐसे कई मार्केट हैं जहां अाग बुझाने के लिए बेबस हो जाते हैं लोग गोपालगंज : शहर के ज्यादातर इलाके ऐसे हैं, जहां कभी आग लग जाये, तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच नहीं पातीं. नतीजा आग बुझाना मुश्किल हो जाता है. हालांकि कुछ स्थानों पर मुख्य सड़कों पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों […]
गोपालगंज : शहर के ज्यादातर इलाके ऐसे हैं, जहां कभी आग लग जाये, तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच नहीं पातीं. नतीजा आग बुझाना मुश्किल हो जाता है. हालांकि कुछ स्थानों पर मुख्य सड़कों पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को खड़ा कर पाइप से पानी डाला जाता है, लेकिन कई स्थान ऐसे हैं, जहां पाइप नहीं पहुंच पाता. कई बार अग्निकांड पर काबू करने में हालत पतली हो जाती है. दमकल का दम निकलने लगता है.
हाल के दिनों में बढ़ती अगलगी की घटना को लेकर अग्निशमन विभाग ने सुरक्षा की दृष्टी से कई निर्देश जारी किये हैं. बावजूद इसके आग से बचाव के लिए संकरी गलियों में किसी तरह के उपाय नहीं किये गये हैं. आग लगने की स्थिति में दमकल टीम को भी मुश्किल का सामना करना पड़ता है. दैवीय आपदा या अग्निकांड में क्षति के हिसाब से मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है. किसी की झोंपड़ी जलती है, तो उसे सरकारी मुआवजे के रूप में 32 सौ रुपये दिये जाते हैं, वहीं पक्का मकान पूरी तरह से नष्ट होने पर 95 हजार रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है. यह अलग-अलग मदों में दिया जाता है.
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