मरीजों की जान से खिलवाड़
लापरवाही न डिग्री, न सुविधा, हो रहा सफल इलाज का दावा बरौली : प्रखंड में इलाज के नाम पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. बिना डिग्री और सुविधा के न सिर्फ कई चिकित्सा केंद्र खोल लिये गये हैं, बल्कि सफल इलाज का दावा भी किया जा रहा है. हैरत इस […]
लापरवाही न डिग्री, न सुविधा, हो रहा सफल इलाज का दावा
बरौली : प्रखंड में इलाज के नाम पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. बिना डिग्री और सुविधा के न सिर्फ कई चिकित्सा केंद्र खोल लिये गये हैं,
बल्कि सफल इलाज का दावा भी किया जा रहा है. हैरत इस बात की है कि इन निजी क्लिनिकों में रोग विशेषज्ञ होने का बोर्ड टंगा हुआ है. दलालों के माध्यम से संचालित निजी क्लिनिकों में या तो बीमारी ठीक नहीं होती है अथवा ठीक भी हुई, तो मरीजों से भारी रकम वसूली जाती है.
कई दफा मरीजों को गहना और जेवर बेच कर भी ये भारी भरकम फीस चुकानी पड़ती है. प्रसव से लेकर बड़े – बड़े रोगों को ठीक करने का दावा किया जाता है. इसमें कई बार मरीजों की जान भी जा चुकी है, लेकिन इन नीम हकीमों का धंधा बेखौफ जारी है.
केस स्टडी -1 :
फरवरी में प्रसव के दौरान आरोग्य चिकित्सालय में बढ़ेया की एक महिला की मौत हो गयी. मौत के बाद मामले को सफेदपोश दलालों के माध्यम से रफा-दफा किया गया.
कई दिनों तक क्लिनिक में ताला लटका रहा.
केस स्टडी -2 : इसी वर्ष एक निजी चिकित्सा केंद्र पर प्रसव के बाद मनमानी कीमत वसूलने के लिए नवजात शिशु को बंधक बना लिया गया था, जो तत्कालीन थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार के हस्तक्षेप से मुक्त किया गया.
केस स्टडी -3 : बरौली बाजार के मदर टेरेसा चाइल्ड हेल्थ केयर में बिशुनपुरा के एक बच्चे की मौत गलत इलाज के चलते हो गयी थी, जिससे क्लिनिक पर परिजनों ने हंगामा किया. कई दिनों तक क्लिनिक बंद रहा तथा डॉक्टर क्लिनिक छोड़ कर फरार रहे.
क्या कहते हैं सीएस
गैरकानूनी ढंग से चल रहे नर्सिंग होम और निजी क्लिनिकों की जांच करायी जायेगी तथा उन पर विधिसम्मत कार्रवाई होगी.
डॉ मधेश्वर प्रसाद शर्मा, सिविल सर्जन