वेंटिलेटर पर चल रहा आइसीयू

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले का सदर अस्पताल में बनाये गये आइसीयू गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. गंभीर स्थिति में आनेवाले मरीज को रेफर कर व्यवस्था पर परदा डालने का काम किया जा रहा है. आइसीयू की स्थिति पर प्रस्तुत है यह रिपोर्ट. गोपालगंज : ईश्वर न करे कि अस्पताल जाना पड़े. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2016 7:22 AM
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले का सदर अस्पताल में बनाये गये आइसीयू गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. गंभीर स्थिति में आनेवाले मरीज को रेफर कर व्यवस्था पर परदा डालने का काम किया जा रहा है. आइसीयू की स्थिति पर प्रस्तुत है यह रिपोर्ट.
गोपालगंज : ईश्वर न करे कि अस्पताल जाना पड़े. सदर अस्पताल की आइसीयू सबसे महत्वपूर्ण सिस्टम है. जहां गंभीर स्थिति में मरीजों को आइसीयू में भरती किया जाता है. अस्पताल का आइसीयू खुद बीमार पड़ा हुआ है, जिसे इलाज की जरूरत है. आइसीयू की हालत है कि एसी खराब है. वेंटिलेटर से लेकर बेड तक की साफ- सफाई भी नहीं है. डॉक्टर नहीं है.
कार्डियों के विशेषज्ञ की जरूरत आइसीयू के लिए है. जो सदर अस्पताल में पदस्थापित नहीं है. आइसीयू में लगा पंखा खराब है. मरीजों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आइसीयू के बाहर लगायी गयी आरओ मशीन लगने के साथ ही खराब पड़ी हुई है. आइसीयू की इस दुर्दशा की जानकारी अस्पताल के वरीय अधिकारियों से लेकर डीएम को भी है. फिर भी आइसीयू जैसे महत्वपूर्ण जीवनरक्षक व्यवस्था पर खामोशी है.
… और ड्यूटी के दौरान शो रही थी एनएम
दिन के 11 बजे थे. आइसीयू में तैनात एनएम ड्यूटी रूम में गहरे निद्रा में थी. भीषण गरमी के बीच आइसीयू में कोई मरीज नहीं था. ताला लगा हुआ था. ड्यूटी के लिए पहुंची एनएम को काम नहीं रहने के कारण वे आराम कर रही थी. उन्हें जगाया गया. उन्होंने आइसीयू के संदर्भ में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
आइसीयू के गेट पर पसरा मेडिकल वेस्टेज
गरमी के बीच संक्रमण फैलने की आशंका अधिक रहती है. सदर अस्पताल में बने आइसीयू के गेट पर अगर पहुंच जाये, तो गेट पर मेडिकल वेस्टेज से जूझना होगा. जिस पर मखियों का अपना साम्राज्य है. अस्पताल के आगे कचरा जलाया हुआ मिलेगा. सफाई तो शायद परिसर देखने से बता रहा कि महीनों पूर्व हुआ होगा.

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