ताड़ी पर रोक, लबनी की बिक्री में हुई उछाल

गोपालगंज : वर्तमान में ताड़ी बिक्री पर रोक है, लेकिन इस रोक के दौर ने लबनी की बिक्री में उछाल ला दिया है. आजकल प्रतिदिन चार लाख से अधिक का बिक्री हो रही है. बिक्री को देख कुम्हार भी हतप्रभ हैं और मांग के अनुरूप लबनी बनाने में लगे हुए हैं. लबनी की मांग से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2016 7:47 AM
गोपालगंज : वर्तमान में ताड़ी बिक्री पर रोक है, लेकिन इस रोक के दौर ने लबनी की बिक्री में उछाल ला दिया है. आजकल प्रतिदिन चार लाख से अधिक का बिक्री हो रही है. बिक्री को देख कुम्हार भी हतप्रभ हैं और मांग के अनुरूप लबनी बनाने में लगे हुए हैं. लबनी की मांग से कुम्हारों का धंधा परवान पर है. बरौली बाजार के सतन पडि़त बताते हैं कि दो सौ लबनी तैयार करने में तीन दिनों का समय लगता है और इनकी बिक्री करने में महज एक दिन. इस वर्ष मांग बहुत अधिक है.
एक लबनी बीस रुपये में बिकती है. इससे तीन दिनों की मेहनत में डेढ़ से दो हजार तक का लाभ हो जाता है. इस मौसमी राजगार में जिले के दो सौ से अधिक परिवार लगे हुए हैं और लबनी की मांग इन दिनों इनके लिए रोजी-रोटी का साधन बन गया है. इस कारण कुम्हार परिवार धड़ल्ले से अपनी पुस्तैनी धंधा में लगा हुआ है. एक तरफ रोजगार चलने से इनमें जहां खुशी है वहीं ताड़ी रोक के बाद लबनी की बढी मंाग सवाल उठा रहा है कि आखिर शराब बंदी के बाद नशा का साधन कही ताड़ी तो नहीं बन गया है.
लबनी का कारोबार
लबनी का उत्पादन-20 हजार प्रति तीन दिन
कार्यरत परिवार-100
बिक्री-4 लाख प्रति तीन दिन
प्रति व्यक्ति आय- 20 हजार मासिक

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