बिहार पुलिस से कुख्यात ऋषिमुनि का मांगा रेकॉर्ड
ऋषिमुनि की धमक से यूपी पुलिस में बेचैनी गोपालगंज : अंडरवर्ल्ड तक नेटवर्क खड़ा करनेवाले कुख्यात ऋषिमुनि तिवारी की धमक से एक बार फिर पुलिस की बेचैनी बढ़ गयी है. हाल ही में ऋषिमुनि तिवारी ने यूपी के आजमगढ़ में ट्रेजरी में तैनात गोरखपुर के अपर निदेशक से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी है. पहले […]
ऋषिमुनि की धमक से यूपी पुलिस में बेचैनी
गोपालगंज : अंडरवर्ल्ड तक नेटवर्क खड़ा करनेवाले कुख्यात ऋषिमुनि तिवारी की धमक से एक बार फिर पुलिस की बेचैनी बढ़ गयी है. हाल ही में ऋषिमुनि तिवारी ने यूपी के आजमगढ़ में ट्रेजरी में तैनात गोरखपुर के अपर निदेशक से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी है. पहले फोन और अब धमकी भरे पत्र ने जहां अपर निदेशक को दहशत में डाल दिया है, तो वहीं यूपी पुलिस की नींद उड़ गयी है. ऐसे में अब यूपी पुलिस ने ऋषिमुनि तिवारी का रेकॉर्ड खंगलाना शुरू कर दिया है.
साथ ही बिहार पुलिस से इसमें सहयोग मांगा है. बिहार पुलिस से इसकी आपराधिक कुंडली भी मांगी गयी है. हालांकि, यूपी पुलिस फिलहाल ऋषिमुनि तिवारी का नाम स्पष्ट रूप से तो नहीं ले रही है, लेकिन पुलिस की बेचैनी ने यह जरूर साफ कर दिया है कि यह कोई छोटा मामला नहीं है. यूपी पुलिस सूत्रों के अनुसार पिछले तीन अप्रैल को गोरखपुर के रामानंद पासवान, जो आजमगढ़ ट्रेजरी में अपर निदेशक के पद पर कार्यरत हैं, उनके खास रहे श्रीराम के ऊपर
बिहार पुलिस से कुख्यात…
दो हमलावरों ने हमला कर उन्हें गोली से जख्मी कर दिया था. इस मामले को पुलिस संपत्ति विवाद मान कर जांच कर रही थी. अचानक घटना के एक माह बाद रामानंद पासवान ने पुलिस को बताया कि उनके घर में एक धमकी भरा पत्र मिला है, जिसमें ऋषिमुनि तिवारी ने पांच करोड़ रंगदारी की मांग की है.
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व धमकी भरे कॉल भी आये थे. इस खुलासे के बाद पुलिस की परेशानी बढ़ गयी है. पुलिस यूपी एवं बिहार में ऋषिमुनि तिवारी गैंग के सदस्यों को तलाश रही है. हालांकि पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर रही है.
31 दिसंबर, 2008 की दोपहर में कुचायकोट के तत्कालीन थानाध्यक्ष कुमार कृति ने ऋषिमुनि तिवारी को हथियार के साथ गिरफ्तार किया था, जो पेशी के दौरान सीवान कोर्ट से पुलिस को चकमा देकर 2011 में फरार हो गया था.
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ ट्रेजरी के अपर निदेशक से मांगी पांच करोड़ रुपये की रंगदारी