मुन्ना अली ने मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा का उठाया कलश
गोपालगंज : सोमवार को अक्षय तृतीया के प्रात: बेले में कमर में पियरी धोती, माथे पर जयमाता दी की पट्टी. कंधे पर गमछा, हाथों में कलश लिये मुन्ना अली सहस्त्र चंडी महायज्ञ के यजमान के रूप में आगे चल रहे थे. उनके पीछे जनसैलाब, 2001 कन्याएं अपने माथे पर कलश लिये जयमाता दी का नारा […]
गोपालगंज : सोमवार को अक्षय तृतीया के प्रात: बेले में कमर में पियरी धोती, माथे पर जयमाता दी की पट्टी. कंधे पर गमछा, हाथों में कलश लिये मुन्ना अली सहस्त्र चंडी महायज्ञ के यजमान के रूप में आगे चल रहे थे. उनके पीछे जनसैलाब, 2001 कन्याएं अपने माथे पर कलश लिये जयमाता दी का नारा लगाते नारायणी नदी की तरफ बढ़ रही थीं. दियारे के Â बाकी पेज 13 पर
मुन्ना अली ने…
इस इलाके में मुसलमान भाइयों ने भी कलशयात्रा में शामिल भक्तों को शरबत पिलाने के स्टॉल लगा रखे थे. कलशयात्रा गोपालगंज जिले के कुचायकोट प्रखंड के अमवा विजयपुर में नवनिर्मित दुर्गा मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के लिए आयोजित सहस्त्र चंडी महायज्ञ के लिए निकाली गयी थी. इस मंदिर के निर्माण के लिए अपनी कीमती जमीन मुन्ना अली ने दान की है. यज्ञ की बारी आयी, तो वह कलशयात्रा में शामिल हो गये. कलशयात्रा 11 किमी लंबा सफर तय कर राजापुर नारायणी नदी में पहुंच कर जल भरा और फिर यज्ञ स्थल तक पहुंचा. अकेले मुन्ना अली ही नहीं, बल्कि गांव के ग्यासुद्दीन, मुहर्रम अली समेत दो दर्जन से अधिक मुसलमान भाई यज्ञ की कमान संभाले हुए थे.
यज्ञ मंडप से भाईचारा का संदेश निकल रहा था. शांति, अमन और चैन के साथ आस्था का अद्भुत संगम. यहां कौन हिंदू है और कौन मुसलमान है, फर्क करना मुश्किल था. सभी वैदिक परंपराओं से सुसज्जित थे. सभी के चेहरे पर सुकून और शांति का भाव था. यज्ञ 15 मई तक चलेगा.
गोपालगंज के कुचायकोट में गंगा-जमुनी तहजीब का दिखा अद्भुत नजारा, सहस्त्र चंडी महायज्ञ में शामिल हुए िहंदू व मुिस्लम
मुन्ना ने इस मंदिर के लिए दान की है जमीन
कुचायकोट प्रखंड के अमवा विजयीपुर गांव में मुन्ना अली ने इस मंदिर के निर्माण के लिए अपनी अपनी कीमती जमीन दान दी है. जबकि गांव में उसके पास ज्यादा जमीन नहीं है. मंदिर बनाने के लिए जमीन की कमी आड़े आ रही थी. पंचायत के मुखिया अनिल मिश्रा ने मंदिर के लिए जमीन बेचने की पहल की. मुन्ना ने पत्नी और अन्य सदस्यों से मशविरा किया. बीवी ने कहा कि मंदिर बनाने के लिए क्यों नहीं जमीन दान दे दी जाये. बीवी की बात को सुन कर मुन्ना ने जमीन दान करने का निर्णय लिया.
और मुखिया से दान करने की पेशकश की़ गांव के लोगों के चेहरे खिल गये और लोगों ने मिल कर जमीन पर मंदिर बना डाला.
ग्यासुद्दीन ने उठाया पंडाल का पांच लाख का खर्च
तो उनके मित्र ने रामलीला का खर्च अदा किया
विदेश में रहनेवाले ग्यासुद्दीन के मित्र ने यहां रामलीला का खर्च उठाया है, तो ग्यासुद्दीन ने यज्ञ के पंडाल का पांच लाख का खर्च अदा किया है. इतना ही नहीं यज्ञ के लिए हिंदू और मुसलमान सभी भाइयों ने मिल कर चंदा इकट्ठा किया. यज्ञ के संयोजक उमेश पांडेय ने बताया कि इस यज्ञ उसी समय अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लिया, जब दोनों धर्मों के लोगों ने आपस में मिल कर यज्ञ की शुरुआत की. कलशयात्रा में हाथी, घोड़ा और बैंड बाजा ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया था.