तेज हवा के साथ झूम-झूम कर जम कर बरसे बादल
खुश हुए इंद्र. झुलसाने वाली गरमी से लोगों को मिली राहत शहर की सड़कों से लेकर गली-मोहल्ले तक उफना गये नाले आसमान में गरज के साथ बारिश ने किया जनजीवन अस्त-व्यस्त गोपालगंज : लगातार कई दिनों से झुलसते लोगों ने शुक्रवार की शाम अचानक मौसम का रुख बदला और तेज हवा व आंधी के साथ […]
खुश हुए इंद्र. झुलसाने वाली गरमी से लोगों को मिली राहत
शहर की सड़कों से लेकर गली-मोहल्ले तक उफना गये नाले
आसमान में गरज के साथ बारिश ने किया जनजीवन अस्त-व्यस्त
गोपालगंज : लगातार कई दिनों से झुलसते लोगों ने शुक्रवार की शाम अचानक मौसम का रुख बदला और तेज हवा व आंधी के साथ झूम-झूम कर बादल बरसे. बारिश से लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की. गरज और तेज हवा के कारण बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. हवा के साथ बारिश के झोंके ने जिले में सैकड़ों पेड़ों का उखाड़ दिया और बिजली के खंभे भी गिर गये, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गयी.
वैसे तो सुबह से बादलों की आवाजाही रही, वहीं हवा का झोंका तरावट का भी अहसास कराता रहा, लेकिन दोपहर बाद सूरज ने फिर भृकुटी तानी और तल्खी भी होने लगी. ऊमस से लोग परेशान हो उठे. शाम में पिमी उत्तरी हवा के साथ काली घटा चारों तरफ से छा गयी. बादलों ने जमकर बरसना शुरू किया. प्री मॉनसून की तरह शहर को इस बारिश ने अस्त-व्यस्त कर दिया. नालाें का गंदा पानी सड़कों पर बहने लगे, तो गलियों में सड़कों पर पानी इकट्ठा हो गये. इससे साइकिल और पैदल चलने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. वैसे तो पहली बार बारिश से किसान से लेकर आमलोगों ने भी काफी राहत महसूस की है. इस बारिश से गन्ना की फसल तथा खेतों में नमी आने से जुताई आदि का काम भी शुरू हो जायेगा.
अभी बना रहेगा पुरवैया का रुख : मौसम वैज्ञानिक डॉ एसएन पांडेय का मानना है कि नमी बढ़ने से मौसम का मिजाज कुछ ढीला हुआ है. अगले दो दिनों में और ढीला होने के आसार हैं. बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी के पिमी मध्य भाग में बने गहरे दबाव के कारण क्षेत्र के रोआनू नामक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने से और आगे बढ़ने के बाद जब असर उत्तर बिहार तक पहुंचेगा तक यहां का भी मौसमी मिजाज करवट लिया है. पुरवैया हवा का रुख अभी बना रहेगा.