मूक-बधिर दिव्यांगों ने किया अस्पताल में हंगामा

सदर अस्पताल में पांच माह से दौड़ लगाने के बाद भी नहीं बन रहा सर्टिफिकेट दिव्यांगता प्रमाणपत्र के अभाव में सरकारी लाभ से हो रहे वंचित गोपालगंज : सदर अस्पताल में मूकबधिर दिव्यांगों का प्रमाणपत्र नहीं बन रहा. महीनों से अधिकारियों की चक्कर लगा रहे दिव्यांग छात्रों ने मंगलवार को अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2016 12:13 AM

सदर अस्पताल में पांच माह से दौड़ लगाने के बाद भी नहीं बन रहा सर्टिफिकेट

दिव्यांगता प्रमाणपत्र के अभाव में सरकारी लाभ से हो रहे वंचित
गोपालगंज : सदर अस्पताल में मूकबधिर दिव्यांगों का प्रमाणपत्र नहीं बन रहा. महीनों से अधिकारियों की चक्कर लगा रहे दिव्यांग छात्रों ने मंगलवार को अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. छात्र-छात्राओं का हंगामा देख अस्पताल कर्मी व अधिकारी चेंबर छोड़ कर भाग निकले. दिव्यांगों ने स्वास्थ्य विभाग पर प्रमाणपत्र के लिए रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया. हंगामा कर रहे मूकबधिर दिव्यांगों के परिजनों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने पहले उपकरण नहीं होने का बहाना बनाकर जांच के लिए पटना भेजा. पटना में मेडिकल बोर्ड से जांच कराने के बाद पांच माह से अस्पताल में प्रमाणपत्र के लिए चक्कर लगा रहें हैं. कभी डॉक्टर के नहीं होन, तो कभी स्वास्थ्य कर्मी के गायब रहने का बहाना बनाकर वापस भेज दिया जाता है.
छात्रों ने कहा कि मेडिकल प्रमाणपत्र नहीं बनने से सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा. हंगरामा कर रहें छात्रों में शरद चंद्र राय, सोनू कुमार, इरफान अहमद, दीपक सिंह, राहुल सिन्हा, राकेश कुमार, नैना सिन्हा, शिखा देवी, खुशबू सिंह आदि शामिल थे.
नहीं बना मूक-बधिर दिव्यांगों का प्रमाणपत्र
सदर अस्पताल में मेडिकल बोर्ड के चिकित्सक नहीं रहने तथा जांच मशीन नहीं होने का बहाना बनाकर स्वास्थ्य विभाग ने पिछले डेढ़ दशक में मूकबधिर दिव्यांगों के लिए कैंप नहीं लगाया. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर माह के हर तीसरे सोमवार को दिव्यांगों की जांच के लिए कैंप का आयोजन किया जाता है. कैंप में मूकबधिर दिव्यांग भी पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें जांच किये बिना ही वापस भेज दिया जाता है. पिछले डेढ़ दशक से करीब आठ हजार मूकबधिर दिव्यांग प्रमाणपत्र के लिए फटक रहे हैं.

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